आरयू वेब टीम। भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक स्वेच्छा से अपना कारोबार समेट रहा है। रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन में बताया कि पेमेंट बैंक को स्वेच्छा से लिक्विडेट करने के आवेदन को मुंबई हाईकोर्ट ने 18 सितंबर 2019 को आदेश जारी कर दिया है। पेमेंट बैंक ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दी है।
आरबीआइ ने नोटिफिकेशन में बताया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने एलएलपी के वरिष्ठ निदेशक विजय कुमार वी. अय्यर को इसके लिए लिक्विडेटर नियुक्त किया है। बता दें कि इस साल जुलाई की शुरुआत में आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक ने अपना कारोबार समेटने की घोषणा की थी। कंपनी ने कहा था कि इसका आर्थिक मॉडल ‘अव्यवहारिक’ है।
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वहीं, आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक ने अपने ऑफिशियल वेबसाइट www.adityabirla.bank पर नोटिफिकेशन के जरिए अपने कारोबार को समेटने की जानकारी दी है। इस मैसेज में बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए लिखा है- हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि बैंक ने आपकी जमा राशि की वापसी की पूरी व्यवस्था की है। आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेट्स बैंक ऐसा करने वाली चौथी इकाई है।
पेमेंट बैंकिंग बाजार में अब तक चार कंपनियां अपना कारोबार समेट चुकी हैं। टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इंन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी और दिलीप सांघवी, आईडीएफसी बैंक लिमिटेड और टेलीनॉर फाइनेंशियल सर्विसेज की साझेदारी में बना भुगतान बैंक बाजार छोड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
साथ ही वेबसाइट पर नोटिफिकेशन में आगे बताया गया है कि हम आपसे ऑनलाइन, मोबाइल बैंकिंग, निकटतम बैंकिंग प्वाइंट के माध्यम से पेमेंट बैंक में जमा राशि को ट्रांसफर कराने का अनुरोध करते हैं।
गौरतलब है कि ये पेमेंट बैंक आदित्य बिड़ला नुवो और आइडिया सेल्युलर का संयुक्त उपक्रम है। इसमें आदित्य बिड़ला नुवो की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। इस बैंक के बंद होने से लाखों ग्राहकों पर इसका असर पड़ सकता है।