RBI ने फिर बढ़ाया रेपो रेट, कार व होम लोन की EMI होगी महंगी

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आरयू वेब टीम। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार ​फिर रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोत्तरी की है। बुधवार को खत्म हुई अपनी बाय-मंथली बैठक के बाद प्रेसवार्ता में रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि सप्लाई चेन प्रभावित होने और जरूरी सामान की आसमान छूती कीमत ने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के लिए मजबूर किया है। इस बढ़ोत्तरी के बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी पर पहुंच गई है। इसके बाद कार व होम लोन की ईएमआई होगी महंगी।

आरबीआई ने पॉलिसी रेपो रेट को जहां 50 आधार अंक बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत कर दिया है, वहीं स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर को 4.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.65 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट को 4.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.15 प पर एडजस्ट किया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने, चार मई 2022 को, आरबीआई ने पॉलिसी रेपो रेट को 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत करके सबको चौंका दिया था, जबकि स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर को 4.15 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट को 4.65 प्रतिशत पर एडजस्ट किया था।

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रिजर्व बैंक ने इस बार रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। रेपो रेट बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। इस प्रकार बैंक भी इस बढ़ी लागत को ग्राहकों से वसूलेंगे जिससे कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी। यदि आपने होम लोन ले रखा है तो उसकी ईएमआई में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। हालांकि, इससे उन लोगों को फायदा होगा जो बैंक एफडी कराते हैं, क्योंकि इससे एफडी की दरें भी बढ़ जाएंगी।

महंगाई दर छह फीसदी से ऊपर रहने की आशंका

आरबीआई ने अपनी मौद्रिक पॉलिसी में अनुमान लगाया है कि अगल तीन तिमाही में महंगाई दर छह फीसदी से ऊपर रहने की आशंका है। आरबीआई ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से सप्लाई चेन प्रभावित होने के कारण महंगाई में उछाल आने की बात कही है। आरबीआई का कहना है कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती से आसमान छूती महंगाई से राहत मिलेगी।