आरयू वेब टीम। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अपनी आखिरी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को यथावत रखते हुए इसमें कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 5.15 प्रतिशत पर यथावत है। इससे पहले लगातार पांच बार कटौती करते हुए रेपो रेट में 1.35 प्रतिशत की कमी की गई थी। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जब तक संभव है, वह नीतिगत रुख को उदार बनाए रखने की कोशिश करेगा। मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया था।
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। रिजर्व बैंक ने आर्थिक समीक्षा में दिए गए आर्थिक वृद्धि के अनुमान के निचले स्तर पर अगले वित्त वर्ष की वृद्धि का अनुमान लगाया है। संसद में 31 जनवरी को पेश आर्थिक समीक्षा में 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में यहां हुई तीन दिवसीय बैठक के बाद मौद्रिक नीति समिति ने पाया कि अर्थव्यवस्था में नरमी अभी भी बरकरार है और आर्थिक वृद्धि की गति क्षमता से कमजोर बनी हुई है।
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रिजर्व बैंक ने दिसंबर में पेश मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में 2019-20 के लिये आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था। रिजर्व बैंक ने कहा कि 2020-21 में आर्थिक वृद्धि परिदृश्य को निजी उपभोग का स्तर तथा बाह्य कारकों समेत विभिन्न कारक प्रभावित करेंगे। उसने कहा कि निजी उपभोग में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रबी फसल की बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर सुधार होने की उम्मीद है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में हालिया तेजी ने व्यापार संतुलन कृषि के पक्ष में किया है, इससे ग्रामीण आय को समर्थन मिलने की उम्मीद है।