आरयू वेब टीम। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत की सुरक्षा अब और भी बढ़ा दी गई है। आइबी के अलर्ट का हवाला देते हुए मोहन की सुरक्षा जेड प्लस श्रेणी से भी बढ़ाकर एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) श्रेणी में कर दी है। भागवत को पहले केंद्र सरकार ने जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी हुई है। भागवत की सुरक्षा अब जेड प्लस से बढ़ाकर एडवांस सिक्योरिटी लाइजन कर दी है।
अब तक आरएसएस चीफ की सुरक्षा सीआइएसएफ जवानों के द्वारा की जाती है। नई सिक्योरिटी के बाद अब सीआइएसएफ की टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां मोहन भागवत को जाना होगा। एडवांस सिक्योरिटी लाइजन स्तर की सुरक्षा में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा होता है। इसमें हेलीकॉप्टर यात्रा भी केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में दी जाती है।
साथ तयशुदा प्रोटोकॉल इस पर लागू किया जाता है। एएसएल स्तर की सुरक्षा से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसी स्थानीय एजेंसियों को देनी होती है।। इस रणनीति में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा, सख्त तोड़फोड़ विरोधी उपाय और किसी भी दौरे से पहले समीक्षा और रिहर्सल शामिल हैं।
यह भी पढ़ें- भाजपा प्रत्याशी माधवी लता को दी गई Y प्लस सिक्योरिटी, हैदराबाद में ओवैसी को दे रहीं टक्कर
आरएसएस प्रमुख को जून 2015 में सीआइएसएफ के 55 कमांडो की जेड-प्लस सुरक्षा मिली थी। जेड प्लस सुरक्षा सबसे अहम मानी जाती है। इस सुरक्षा में 55 कमांडो तैनात किए जाते हैं, जो 24 घंटे सुरक्षा पाने वाले वीआईपी के साथ रहते हैं। सुरक्षा में तैनात जवान नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी के कमाांडो होते हैं। इन कमांडो की ट्रेनिंग बहुत सख्त होती है और ये पलक झपकते ही दुश्मन का खात्मा कर देते हैं। एनएसजी के कमांडो का चयन केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों में किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि देश में सरकार द्वारा कुछ लोगों को सुरक्षा दी जाती है। ये सुरक्षा उनको दी जाती है, जिन्हें किसी तरह का खतरा होता है। सुरक्षा एजेंसी व्यक्ति की जान के खतरे को देखती हैं और उसके आधार पर सुरक्षा दी जाती है। इसमें सरकार के खजाने से हर साल अरबों रुपए खर्च कर दिए जाते है।