आरयू इंटरनेशनल डेस्क। कोरोना से जंग को लेकर रूस में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। वैक्सीन की ज्यादा मांग और डोज की कमी के कारण नए वालंटियर्स के टीकाकरण के काम को रोकना पड़ा। इस टीकाकरण की स्टडी कर रही फर्म के प्रतिनिधि ने कहा कि इस प्लान का इस तरह रोका जाना निराशाजनक है।
समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार, मॉस्को के 25 से आठ क्लिनिकों पर वैक्सीन के डोज खत्म हो चुके थे, इसके चलते यह काम रोका गया। मेडिकल स्टाफ के एक सदस्य ने स्वीकारा कि टीकाकरण के काम को ज्यादा डिमांड और डोज की कमी के चलते रोका जा रहा है। इसे दस नवंबर के आसपास वापस शुरू किया जाएगा। मास्को के सिटी हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
वैक्सीन स्पुतनिक वी को तैयार करने वाले गामलेया रिसर्च सेंटर ने भी इस पर कोई कमेंट करने से इंकार कर दिया। गामलेया रिसर्च सेंटर के हेड अलेग्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि 85 प्रतिशत लोगों में इस वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है।
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रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के एलेक्सी कुज्नेत्सोव ने कहा कि 40000 लोगों पर वैक्सीन के ट्रायल के टारगेट को पूरा कर लिया जाएगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने स्वीकारा कि वैक्सीन के निर्माण में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इससे निपट लिया जाएगा। रूस ने पहले इस साल के अंत तक तीन करोड़ टीके तैयार करने का लक्ष्य रखा था, जिसे अब घटाकर दो करोड़ कर दिया गया है।
भारत में रूस की कोरोनो वैक्सीन का ट्रायल मार्च के महीने तक खत्म हो सकता है। रूसी वैक्सीन का भारत में ट्रायल कर रही हैदराबाद की फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी ने कहा है कि रूसी वैक्सीन के तीसरे चरण का मानव परीक्षण मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है।