आरयू वेब टीम।
गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को राजधानी दिल्ली में प्रस्तावित हुंकार रैली को अनुमति नहीं मिलने से युवा हुंकार रैली को लेकर सियासत तेज हो गयी है। मेवाणी समर्थक इस रैली के लिए अड़े हैं। वहीं इजाजत नहीं मिलने पर मेवाणी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। मेवाणी दिल्ली पुलिस की रोक के बावजूद पार्लियामेंट स्ट्रीट पर रैली करने करने आज पहुंचे।
उनके साथ अखिल गोगोई, शहला राशिद, प्रशांत भूषण और कन्हैया कुमार भी युवा हुंकार रैली और जनसभा के लिए संसद मार्ग पहुंचे। मेवाणी ने कहा कि सरकार हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। साथ ही जिग्नेश ने आज सुबह कविता के अंदाज में एक ट्वीट कर भाजपा पर तंज कसा, “बांध ले बिस्तर बीजेपी, राज अब जाने को है, जुल्म काफ़ी कर चुके, पब्लिक बिगड़ जाने को है।”
मेवाणी ने केन्द्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि, “दुर्भाग्य। हम सिर्फ लोकतांत्रिक और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने जा रहे थे, सरकार हमें निशाना बना रही है, एक निर्वाचित प्रतिनिधि को बोलने की इजाजत नहीं है, इस दौरान राजधानी में जिग्नेश मेवाणी की रैली को देखते हुए पार्लियामेंट स्ट्रीट पर भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
बता दें कि रैली की मंजूरी न देने के लिए दिल्ली पुलिस ने एनजीटी के आदेश का हवाला दिया। इस संबंध में नई दिल्ली के डीसीपी की तरफ से बीती देर रात ट्वीट कर कहा गया कि एनजीटी के आदेशों को मद्देनजर रखते हुए अभी तक पार्लियामेंट स्ट्रीट पर प्रस्तावित प्रदर्शन को दिल्ली पुलिस की तरफ से इजाजत नहीं दी गई है।
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रैली की अनुमति नहीं मिलने को लेकर मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने भी विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि एनजीटी का आदेश जंतर मंतर के लिए है, न कि पार्लियामेंट स्ट्रीट के लिए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस रैली को रोकती है तो यह अलोकतांत्रिक और मौलिक अधिकारों का हनन होगा।