आरयू वेब टीम।
वेंकैया जी के बारे में सुनकर हमें काफी गर्व होता है, वह अनुशासन का पालन करने वाले हैं। वह कभी घड़ी, कलम और पैसे नहीं रखते हैं। घड़ी न रखने पर भी वेंकैया जी हर कार्यक्रम में समय पर पहुंचते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इन्हें मंत्रालय सौंपना चाहते थे, लेकिन उस समय इन्होंने कहा कि मैं ग्रामीण विकास मंत्री बनना चाहता हूं। दिल से नायडू एक किसान हैं। उन्होंने किसानों के कल्याण और एग्रीकल्चर के लिए काफी काम किए हैं।
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उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की किताब ‘मूविंग ऑन… मूविंग फॉरवर्ड: अ इयर इन ऑफिस’ के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। मोदी ने आगे कहा कि अपने आप को दायित्व के अनुरूप ढालने से ही वेंकैया जी सफलता प्राप्त करते रहे हैं। वेंकैया जी हमेशा जिम्मेदारियों को लेकर चलते रहे हैं।
अभी बाकी है वेंकैया जी का बेस्ट: मनमोहन सिंह
वहीं कार्यक्रम में मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वेंकैया नायडू अपने राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव के कारण उपराष्ट्रपति बने। एक साल के कार्यकाल में उन्होंने काफी कुछ किया, जो झलकता है। उन्होंने आगे कहा कि, लेकिन अभी वेंकैया जी का बेस्ट उनके अंदर से निकलना बाकी है। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने एक कवि की लाइन बोलते हुए कहा कि- सितारों के आगे जहां और भी है…अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं…
वहीं नायडू ने 245 पृष्ठों और सात अध्याय वाली इस किताब में राज्यसभा सभापति के रूप में अपने एक साल के कार्यकाल का वर्णन किया है। इसके अलावा इसमें न्यू इंडिया मिशन का भी जिक्र किया है। उपराष्ट्रपति के रूप में अपने अनुभव के बारे में बताते हुए नायडू ने पुस्तक में कहा कि यह कठिन चुनौतियों और असीमित अवसरों का समय है।
किताब के विमोचन कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद रहें।
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