आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में विभागीय कार्य योजना का आकलन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी नियोजन, आवासीय सुरक्षा, अधोसंरचना विकास व डिजिटल प्रबंधन जैसे सभी घटकों को एकीकृत दृष्टिकोण से लागू करना आवश्यक है।
इस दौरान लखनऊ में इंटरनेशनल एक्जीबिशन-कम- कन्वेंशन सेंटर परियोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ₹900 करोड़ की लागत से 32.50 एकड़ भूमि पर केंद्र विकसित होने वाले इस विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर को अधिकतम दो साल में पूरा करा लिया जाए। ये कन्वेंशन सेंटर नए लखनऊ की पहचान बनेगी।
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साथ ही मुख्यमंत्री ने विकास प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्रों के प्रकरणों की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। ये भी कहा कि, जिस भी प्राधिकरण में मानचित्र से जुड़े मामलों में बार-बार आपत्तियां लगाया जाना अनुचित हैं, इसे सरल रूप देते हुए एक ही बार में निस्तारित किया जाना चाहिये। ऐसे जो भी प्रकरण लंबित हैं, एक समय सीमा तय करते हुए उनका निस्तारण किया जाए। मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिए हैं कि नगरों में जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान अब तक अप्रूव नहीं हुआ है, उसे वर्तमान माह की समाप्ति से पहले अनुमोदित करा लिया जाए।
जेपीएनआइसी करें एलडीए के हवाले
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार की आवश्कता जताई, साथ ही करीब एक दशक से पूरा होने की राह देख रहे जेपीएनआइसी को लेकर भी सीएम योगी आज महत्वपूर्ण निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपीएनआइसी को यथाशीघ्र लखनऊ विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित किया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के प्रारूप पर 16 अप्रैल से 30 मई, 2025 तक जनसामान्य से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। प्राप्त सुझावों के आधार पर इस उपविधि को अंतिम रूप में दिया जाएगा।
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संशोधित गाइडलाइन की जाए जारी
बैठक में आगामी तीन माह की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। इसमें उत्तर प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग जेअधिनियम- 2025, लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 और भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 जैसे महत्वपूर्ण पॉलिसी को लागू करने की प्रक्रिया शामिल है। इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के अंतर्गत क्रियाशील परियोजनाओं को पूर्ण कराए जाने हेतु संशोधित गाइडलाइन भी शीघ्र ही जारी की जाएगी।
इसी महीने पूरी हो अनुमोदन की प्रक्रिया
इसके साथ ही योगी ने कहा कि यूपी-एससीआर परियोजना लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी जनपदों को समाहित करती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 27,826 वर्ग किमी है। इसके डीपीआर की प्रक्रिया में अब विलंब न हो। आईएस आधारित महायोजना संरचना के अंतर्गत प्रदेश के 59 नगरों की महायोजनाएं तैयार की जा रही हैं, जिनमें से 42 को अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। चार महायोजनाओं (झांसी, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ एवं बहराइच) के अनुमोदन की प्रक्रिया इसी महीने पूरी कर ली जाए।
…मॉडल आधारित परियोजनाओं को दें प्राथमिकता
वहीं मुख्यमंत्री ने निजी निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने, प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष आवासीय योजनाएं संचालित करने और ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणीकरण, सोलर रूफटॉप सिस्टम, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग एवं अपशिष्ट प्रबंधन को अनिवार्य शहरी मानक के रूप में लागू करने के निर्देश दिए और यूपी आवास एप और रेरा पोर्टल को और अधिक सुगम एवं पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य
इस दौरान अधिकारियों ने मेट्रो परियोजनाओं की प्रगति की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि कानपुर मेट्रो के मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक 6.7 किमी. लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन का निर्माण पूर्ण हो गया है। कॉरीडोर एक और दो का कार्य इस साल के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर को भी दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है, जबकि द्वितीय कॉरिडोर का कार्य 2026 तक निर्धारित किया गया है। इसी क्रम में लखनऊ मेट्रो परियोजना के अंतर्गत चारबाग से बसंतकुंज तक (11.165 किमी) प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है।
बैठक में यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आवास पी. गुरुप्रसाद व सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अफसर मौजूद रहें।