आरयू वेब टीम। संविधान दिवस मौके पर नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि संविधान सत्य और अंहिसा की किताब। वो हिंसा की इजजात नहीं देता है, संविधान अंहिसा का रास्ता दिखाता है। इस मौके पर उन्होंने जाति जनगणना पर भी बात कर कहा कि हम जिस राज्य में रहेंगे वहां जाति जनगणना करवाएंगे, हालांकि वो सिर्फ यही पर नहीं रुके।
कांग्रेस नेता ने दलितों और पिछड़ों के लिए भी कई सारी बात कही। राहुल ने कहा कि आज कल का युवा इंजिनियर बनना चाहता है तो कोई मीडिया में जाना जाता है, लेकिन उनके पास कोई मौका नहीं रहता है। आज कल मीडिया के फिल्ड में कोई भी पिछड़ा जाति का नहीं है। चाहे वो एंकर हो या मालिक। वहां भी उनकी भागीदारी न के बराबर है।
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राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि हजारों सालों के लिए भारत की सोच है, यह सत्य और अहिंसा के बारे में है। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मैं आपको गारंटी देता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान नहीं पढ़ा है, अगर उन्होंने पढ़ा होता तो वे वह काम नहीं करते जो वह रोजाना करते हैं।
आगे कहा कि जहां अगर पिछड़े वर्ग की हिस्सेदारी ज्यादा है तो उनकी भागीदारी कम क्यों है? मैं गारंटी के साथ कहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की किताब नहीं पढ़ी है। संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, ये हिंदुस्तान की हजारों साल की सोच है। इसमें गांधी जी, अंबेडकर जी, भगवान बुद्ध, फुले जी जैसे महान लोगों की आवाज है, लेकिन सावरकर जी की आवाज नहीं है।