आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने एक बार योगी सरकार को निशाने पर लिया है। सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के योगी सरकार के फैसले से मासूम बच्चों के साथ शिक्षकों का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है। सरकार सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने की जगह स्कूलों को बंद करने में लगी है। आप शिक्षकों और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी, इसलिए स्कूल और बच्चों का भविष्य बचाने के लिए नौ जुलाई से आप “स्कूल बचाओ अभियान” की शुरुआत करने जा रही है।
गोमतीनगर स्थित प्रदेश कार्यालय में आज आयोजित प्रेसवार्ता में संजय सिंह ने कहा कि आरटीई एक्ट के अनुसार एक किलोमीटर के दायरे में एक स्कूल होना चाहिए, लेकिन सरकार शिक्षा के अधिकार की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए स्कूलों को बंद करके बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है।
साथ ही कहा कि मेरठ में एक स्कूल का दूसरे स्कूल में विलय होने से छोटे-छोटे बच्चों को रेलवे लाइन क्रॉस करके स्कूल जाना पड़ रहा है, जिससे कभी भी उन मासूम की जान खतरे में पड़ सकती है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसे में उन मासूमों की जान की जवाबदेही किसकी होगी? बंद हो रहे स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक और कर्मचारी अब कहां जाएंगे इसका भी कोई अता-पता नहीं है।
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वहीं संजय सिंह ने यूपी में बंद हो रहे हैं सरकारी स्कूलों का आंकड़ा देते हुए बताया कि लखनऊ में 445 स्कूल, एटा में 925 स्कूल, चित्रकूट में 50 स्कूल, सीतापुर में 208 स्कूल, श्रावस्ती में 44, संभल में 150, अमरोहा में 48, सोनभद्र में 84, बांदा में 106, उन्नाव में 336, मैनपुरी में 315, कासगंज में 40, बुलंदशहर में 200, मऊ में 341, सुल्तानपुर में 444, फतेहपुर में 565, प्रयागराज में 400, चंदौली में 96, मुजफ्फरनगर में 76, मेरठ में 100, बलिया में 26 और झांसी में 159 सरकारी स्कूल बंद होने जा रहे हैं।
सरकारी स्कूलों की हालत इतनी बदतर
आप सांसद ने कहा कि सरकार तर्क दे रही है कि बच्चों की संख्या कम होने के चलते इन स्कूलों का विलय किया जा रहा है, लेकिन बच्चों की संख्या कम होने का असल कारण क्या है? क्या सरकार ने इसे जानने का प्रयास किया? गरीब परिवारों और उनके बच्चों के लिए स्कूल आने का सबसे बड़ा उत्साह, पढ़ाई के साथ-साथ मिड डे मील का मिलना है, जिसे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूरी तरीके से खत्म कर दिया। आज यूपी के सरकारी स्कूलों की हालत इतनी बदतर हो चुकी है की बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी, नमक भात दिया जा रहा है, चिलचिलाती गर्मी में बिना बिजली के बच्चे अंधेरे में टाट पट्टी पर बैठने को मजबूर है। लेकिन योगी सरकार स्कूलों में बच्चों को दी जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने की जगह स्कूलों को बंद करने में ही लग गए है।
लोगों से संवाद करने का काम
वहीं ऐलान किया कि जहां-जहां भी सरकारी स्कूल बंद हो रहा है वहां, आगामी नौ जुलाई से आप के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, फ्रंटल के अध्यक्ष और नेता उन गांवों में जाएंगे, वहां प्रवास करेंगे और गांव के लोगों के साथ संवाद करने का काम करेंगे। साथ ही सभाओं के माध्यम से आम आदमी पार्टी, प्रदेश की जनता को जागरूक करके जल्द ही एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। सांसद संजय सिंह ने कहा कि मैं स्वयं उन सभी गांवों में जाऊंगा, जहां-जहां भी सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं और वहां के लोगों से संवाद करूंगा।