आरयू वेब टीम। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर हुई घुसपैठ का मुद्दा लगातार विपक्ष लोकसभा में उठा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा से 33 से ज्यादा सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इनमें से कुछ को सत्र के लिए और कुछ को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। इसपर, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहले, घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने एक्स पर किए पोस्ट में कहा कि 47 सांसदों को निलंबित करके निरंकुश मोदी सरकार द्वारा सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है।
खड़गे ने यह भी कहा कि विपक्ष के बिना संसद में मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है। मोदी सरकार पर हमला जारी रखते खड़गे ने कहा कि किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है।
वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि संसद में जो बुलडोजर चल रहा है, उसे पूरा देश देख सकता है। यह कुछ और नहीं, बल्कि विपक्षी नेताओं को दबाने का एक तरीका है। वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विफलताओं को छिपाने के लिए विपक्ष पर बुलडोजर चला रहे हैं…वे संसद चलाने के मकसद से सत्ता में नहीं आए हैं।
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इसके साथ ही लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी ने उनके निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेरे समेत सभी नेताओं को निलंबित कर दिया गया है। हम कई दिनों से मांग कर रहे हैं कि हमारे जिन सांसदों को पहले निलंबित किया गया था, उन्हें बहाल किया जाए और गृह मंत्री सदन में आकर बयान दें। वो आए दिन टीवी पर बयान देते हैं, संसद की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है, इस पर भी वो थोड़ा संसद में भी बोल सकते हैं…आज की सरकार अत्याचार की पराकाष्ठा पर पहुंच गई है…हम चर्चा चाहते थे।