सपा की मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग, यूपी में SIR से पहले हटाए भाजपा की विचारधारा के अधिकारी

एसआइआर

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में विशेष पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रक्रिया शुरू होने से पहले 403 विधानसभा क्षेत्रों में तैनात बीएलओ, एडीएम (इलेक्शन) और ईआरओ को तत्काल हटाने की मांग की है। सपा का आरोप है कि इन अधिकारियों की नियुक्ति जाति और धर्म के आधार पर की गई है, जिससे मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा कि 1,62,486 पोलिंग स्टेशनों पर कार्यरत बीएलओ तथा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में नियुक्त ईआरओ और जनपदों के एडीएम भाजपा की विचारधारा से प्रभावित अधिकारियों में से चुने गए हैं। ऐसे में 15 करोड़ 44 लाख मतदाताओं के एसआइआर की निष्पक्षता संदिग्ध हो सकती है।

सपा ने ज्ञापन में इस बात का का भी जिक्र किया है कि कानपुर नगर की सीसामऊ (213) और अंबेडकर नगर की कटेहरी (277) विधानसभा उपचुनावों में बीएलओ को जाति और धर्म के आधार पर बदले जाने की शिकायत की गई थी, लेकिन निर्वाचन आयोग ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। आरोप लगाया कि 2024 के उपचुनावों में मतदान कर्मियों, पीठासीन अधिकारियों और मतगणना कर्मियों की तैनाती भी पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई थी।

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समाजवादी पार्टी ने स्पष्ट कहा है कि यदि एसआइआर प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है तो भारत निर्वाचन आयोग को सभी जातियों और धर्मों के लोगों को समान अवसर देते हुए नई नियुक्तियां करनी होगी, जिससे चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रहे।

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