आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाल ही में भाजपा सांसद को मात देकर जौनपुर से सांसद बनें बाबू सिंह कुशवाहा खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने शुक्रवार को कानपुर रोड स्थित सपा सांसद की करोड़ों की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने स्कूटर इंडिया चौराहे के पास निर्माण तोड़ने के लिए भारी भरकम फोर्स और जेसीबी के साथ आज पहुंची। टीम ने करोड़ों की जमीन को जब्त करने के साथ ही निर्माण भी जमीदोज कर दिया।
बताते चलें दस सालों से ईडी बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है। इसके अलावा ईडी ने आय से अधिक संपत्ति का भी मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान ईडी को पता चला था कि कुशवाहा ने घोटालों की रकम से कई बेनामी संपत्ति बनाई है। ऐसे में उन संपत्तियों का पता लगाया था, जिनका बेनामीदार कोई और था। इसी में से एक कानपुर रोड स्थित जमीन भी थी। इसे कुशवाहा ने विंध्य शक्ति सीमेंट कंपनी के नाम से खरीदा था।
जानकारी के मुताबिक, ‘मायावती सरकार’ में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में बाबू सिंह कुशवाहा भी आरोपी हैं। बाबू सिंह कुशवाहा इस मामले में जेल भी जा चुके हैं। 2010 में सामने आए इस घोटाले में बाबू सिंह कुशवाहा फंसे हुए हैं। मामले की जांच ईडी कर रही है। इसी को लेकर ईडी ने बाबू सिंह कुशवाहा की जमीन जब्त करने की कार्रवाई की है।
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बाबू सिंह कुशवाहा का जन्म सात मई 1966 को बांदा के पखरौली गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। 1985 में स्नातक किया। अप्रैल 1988 में बसपा संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आए थे। कांशीराम ने बाबू सिंह को दिल्ली बुला लिया। यहीं से बाबू सिंह के राजनीतिक जीवन की शुरुआत हो गई थी। 1993 में बाबू सिंह बांदा के जिला अध्यक्ष बने। 2003 में उन्हें बसपा सरकार में पंचायती राज मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। कुशवाहा 27 साल तक बहुजन समाज पार्टी के सदस्य रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य थे और दो बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। हाल ही में वह सपा के टिकट पर जौनपुर से लोकसभा सांसद चुने गए हैं।