आरयू वेब टीम।
न्यायमूर्ति केएम जोसफ को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति करने को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को वरिष्ठता क्रम में तीसरे स्थान पर रखा जाना है। जिस पर देश की सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीशों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से सोमवार को मुलाकात कर जस्टिस के एम जोसेफ की वरिष्ठता को कम करने के केंद्र के फैसले पर विरोध जताया।
मिली जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ समेत न्यायाधीशों ने आज का कामकाज शुरू होने से पहले न्यायाधीशों के लाउंज में प्रधान न्यायाधीश से मुलाकात की। मुलाकत के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने न्यायाधीशों को आश्वस्त किया कि वह न्यायमूर्ति गोगोई के साथ विचार-विमर्श करेंगे और इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाएंगे।
मालूम हो कि केंद्र ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत में तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना में वरिष्ठता क्रम में न्यायमूर्ति जोसफ को तीसरे स्थान पर रखा गया था। अधिसूचना में मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी का नाम पहले स्थान पर था, जबकि उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विनीत सरन का नाम दूसरे स्थान पर था।
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बताते चलें कि न्यायमूर्ति जोसेफ की शीर्ष अदालत में पदोन्नति को लेकर सीजेआई नीत कालेजियम और केन्द्र के बीच टकराव रह चुका है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति जोसेफ ने उस पीठ का नेतृत्व किया था, जिसने 2016 में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को निरस्त कर दिया था।
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