आरयू वेब टीम। अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मामले की सुनवाई हफ्ते में पांच दिन जारी रहेगी और इस पर मुस्लिम पक्ष की अपील को ठुकरा दिया है। दरअसल मुस्लिम पक्ष की ओर से सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर हफ्ते में तीन दिन ही सुनवाई हो।
उन्हें मामले की पांच दिन की सुनवाई पर एतराज था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा था कि अयोध्या मामला इतना गंभीर है कि इसकी दिन-रात तैयारी करनी होती है, इसलिए मामले की सुनवाई हफ्ते में पांच दिन नहीं सिर्फ तीन दिन ही होनी चाहिए।
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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अयोध्या मामले को जल्द सुलझाने के लिए इसकी सुनवाई हफ्ते में पांच दिन जारी रहेगी, अदालत ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन की उस अपील को ठुकरा दिया है जिसमें उन्होंने हफ्ते में तीन दिन सुनवाई करने की मांग की थी।
गौरतलब है कल ही अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही ऐतिहासिक सुनवाई में नया आयाम जुड़ा। कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले की सुनवाई सप्ताह में पांच दिन होगी। आमतौर पर इस तरह के पुराने और विस्तृत सुनवाई की जरूरत वाले मामले मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ही सुने जाते हैं, लेकिन कोर्ट ने कल कहा कि इस मामले को सोमवार और शुक्रवार को भी सुना जाएगा। इस तरह की लगातार सुनवाई से 491 साल पुराने अयोध्या विवाद पर अंतिम फैसला जल्द आने की उम्मीद बढ़ गई है।
माना जा रहा है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर होने से पहले इस मामले को सुलझा देना चाहते हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं और इससे पहले इस मामले को सुलझा दिया जाए इसके लिए सारी कोशिश की जा रही है।
आशंका जताई जा रही थी कि उनके कार्यकाल में मामला निपट पाएगा या नहीं, क्योंकि ऐसा न होने की स्थिति में नए सिरे से सुनवाई शुरू करनी पड़ती, लेकिन हर हफ्ते दो दिन की अतिरिक्त सुनवाई से अब ये तय हो गया है कि निश्चित रूप से इस समय सीमा के भीतर ही कोर्ट का फैसला आ जाएगा।