आरयू इंटरनेशनल डेस्क। गाजा में इजरायली सेना के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। दुनियाभर की निंदा के बाद भी इजरायली सेना गाजा और राफा पर लगातार हमले कर रही है। अब मध्य गाजा पट्टी के नुसेरात शिविर में विस्थापित लोगों के आवास वाले एक स्कूल को निशाना बनाकर इजरायल की ओर से किए गए हवाई हमले में 30 फिलिस्तीनी मारे गए और कई घायल हो गए। मारे गए लोगो में अधिकांश बच्चे और महिलाएं थीं। चिकित्सा विभाग से जुड़े सूत्रों ने गुरुवार सुबह चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि एक इजरायली लड़ाकू जेट ने कम से कम तीन कक्षाओं पर बमबारी की।
हमास द्वारा संचालित गाजा सरकार के मीडिया कार्यालय ने एक बयान में स्कूल पर इजरायल के हमले की निंदा करते हुए इसे “भयानक नरसंहार” बताया और कहा कि इजरायली सेना द्वारा इन हमलों को जारी रखना नरसंहार के अपराध का स्पष्ट सबूत है। कार्यालय ने कहा कि इजरायल और अमेरिका को मानवता को खतरे में डालने वाले और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने वाले इन अपराधों की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इजरायली पक्ष ने अभी तक इस घटना पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इससे पहले हमास द्वारा संचालित मीडिया ने स्कूल पर किए गए हमले में अधिक संख्या में लोगों के मारे जाने की सूचना दी थी। इजराइली सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने फलस्तीनियों को सहायता प्रदान करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा संचालित स्कूल पर हमला किया। एजेंसी को ‘यूएनआरडब्ल्यूए’ के नाम से जाना जाता है।
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नुसेरात शरणार्थी शिविर गाजा पट्टी के मध्य में है। यह मध्य गाजा में बना एक फलस्तीनी शरणार्थी शिविर है जो 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के समय से है। युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले से हुई। गाजा पट्टी में इजराइली सैन्य अभियान में कम से कम 36,000 फलस्तीनी मारे गए हैं, जबकि इजराइली कब्जे वाले ‘वेस्ट बैंक’ में अभियानों में सैकड़ों अन्य मारे गए हैं।