आरयू वेब टीम। अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च को भारत के मार्केट रेगुलेटर सेबी से 46 पेज का कारण बताओ नोटिस मिला है। पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए थे, जिसे लेकर ही ये नोटिस दिया गया है। इस पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने मंगलवार को अपने निष्कर्षों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले साल जारी अडानी समूह पर उसकी शोध रिपोर्ट उसका सबसे अच्छा काम है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी को जवाब देते हुए एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि अडानी पर हमारा शोध वह काम है जिस पर हमें सबसे अधिक गर्व है। जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अदानी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उस पर शेयर बाजार में हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। रिपोर्ट के बाद, समूह द्वारा आरोपों से इनकार करने के बावजूद, अदानी समूह का बाजार पूंजीकरण 150 बिलियन डॉलर कम हो गया।
हिंडनबर्ग ने कहा सेबी धोखेबाजों को बचा रहा, ‘हमारे विचार में, सेबी ने अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा की है, ऐसा प्रतीत होता है कि वह धोखाधड़ी करने वालों से निवेशकों की रक्षा करने के बजाय धोखाधड़ी करने वालों की रक्षा करने के लिए अधिक प्रयास कर रहा है।’साथ ही कहा-‘भारतीय बाजार के सूत्रों के साथ चर्चा से हमारी समझ यह है कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की अडाणी को गुप्त सहायता हमारी जनवरी 2023 की रिपोर्ट के पब्लिश होने के लगभग तुरंत बाद शुरू हो गई थी।’
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‘हमारी रिपोर्ट के बाद हमें बताया गया कि सेबी ने पर्दे के पीछे ब्रोकर्स पर अडानी के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन्स को क्लोज करने का दबाव डाला। इससे खरीदारी का दबाव बना और महत्वपूर्ण समय में अडाणी ग्रुप के शेयरों को मदद मिली।’ हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने ब्लॉग में कहा-‘जब जनता और सुप्रीम कोर्ट पर इस मामले की जांच करने के लिए दबाव डाला गया, तो सेबी लड़खड़ाता हुआ दिखाई दिया। शुरुआत में, यह हमारी रिपोर्ट के कई प्रमुख निष्कर्षों से सहमत प्रतीत हुआ।’
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारा मानना है कि यह बकवास है, एक पूर्व निर्धारित उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनगढ़ंत भारत में सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने का प्रयास है।”
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