अडानी ग्रुप-चीनी कंपनी के साथ महाराष्‍ट्र के करार को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

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आरयू वेब टीम। भारत-चीन तनाव के बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें चीन के साथ देश की व्यापार नीतियों का खुलासा करने के लिए भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई। वहीं याचिका में अडानी ग्रुप, महाराष्ट्र और एक चीनी कंपनी के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को रद्द करने की भी मांग की गई है।

ये याचिका जम्मू-कश्मीर निवासी महिला एडवोकेट सुप्रिया पंडित ने दायर की है, जिसमें अडानी समूह, केंद्र सरकार, गुजरात सरकार व महाराष्ट्र सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह चीन के साथ हुई इस बिजनेस डील को रद्द करने का आदेश जारी करे, क्योंकि हाल ही में भारत-चीन सीमा पर हमारे सैनिकों की शहादत के मद्देनजर केंद्र सरकार ने चीन के 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया है, जिसका भारतवासियों ने स्वागत किया है।

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साथ ही याचिका में ये भी कहा गया है कि दूसरी तरफ केंद्र सरकार कुछ खास बिजनेस समूह और कुछ राज्य सरकार को चीन की कंपनियों के साथ बिजनेस डील करने की मंजूरी दे रही है, जिससे देश में गलत संदेश जाएगा और हिंदुस्‍तानियों की भावनाओं के साथ मजाक होगा।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं। इस संघर्ष में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। जानकारी के अनुसार, लद्दाख में हिंसक झड़प उस समय शुरू हुई थी जब भारतीय सैनिक सीमा के भारत की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने गए थे। चीन ने छह जून को दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी।

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