आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी के आसपास के जिलों समेत इस समय दर्जनों जनपद बाढ़ की मार से कराह रहें हैं। मुख्यमंत्री और कुछ संवेदनशील अफसर जहां बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर हालात संभालने की कोशिश में लगें हैं। वहीं कुछ मनबढ़ अधिकारियों की परेशान लोगों से बदजबानी के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें हैं।
इन सबके बीच यूपी के कैसरगंज से भाजपा सांसद बृज भूषण शरण का भी मीडिया से बात करते हुए एक वीडियो सामने आया है। बाढ़ ग्रस्त इलाकों के गांव में सरकारी इंतजाम व अफसरों की कारस्तानी से वीडियो में बेहद नाराज दिख रहे बीजेपी सांसद कह रहें हैं कि जिला प्रशासन के बारे में मत ही पूछिये तो अच्छा है। पहले भी सरकारें थीं बाढ़ आने से पहले तैयारी की बैठक होती थी, लेकिन इस बार तो लग रहा है कि बैठक ही नहीं की गयी। उन्होंने अपने जीवन में कभी बाढ़ के प्रति इतना खराब इंतजाम नहीं देखा था। अफसोस यह है कि हम लोग रो भी नहीं सकते, अपने भाव को व्यक्त भी नहीं कर सकते।
सांसद के शब्दों में अफसरों से लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति जहां गुस्सा नजर आ रहा, वहीं बाढ़ पीडि़तों के लिए दर्द और उनके लिए कुछ खास नहीं कर पाने के चलते अपने प्रति बेबसी साफ दिख रही है। भाजपा सांसद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा।
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इसमें सांसद कह रहें हैं कि सब भगवान के भरोसे है। लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब पानी घटेगा और कब हमारी तकलीफ कम होगी। मैंने अपने जीवन में कभी इतना खराब इंतजाम नहीं देखा है। अफसोस ये है कि हम रो भी नहीं सकते और अपने भाव को व्यक्त भी नहीं कर सकते।
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एक सवाल के जवाब में बीजेपी सांसद ने कहा कि उन्होंने महिलाओं व बुजुर्गो के लिए एक ट्रैक्टर लगवा दिया है। जिससे कुछ लोग चल पा रहें हैं। लोग भगवान भरोसे बैठें हैं कि कब पानी घटेगा और उनकी समस्या हल होगी।
बोलोगे तो बागी कहलाओगे, सुझाव दोगे…
अफसरों को सलाह देने की बात पर कहा कि यह बाढ़ आने से पहले होना चाहिए था, अब समय नहीं है, यह बाढ़ आने के पहले होता है। योगी सरकार की ओर इशारा करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि यहां बोलना बंद है, जनप्रतिनिधियों की जबान बंद है, सिर्फ सुनना ही बचा है। बोलोगे तो बागी कहलाओगे, सुझाव दोगे कोई मानेगा नहीं। वहीं सीएम योगी की भूमिका के सवाल पर बृज भूषण ने बेबसी भरी चुप्पी साधते हुए कहा कि मेरे मुंह से कुछ मत कहलवाईये। मैंने अपने जीवन में इतना खराब इंतजाम नहीं देखा।
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के 21 जिले बाढ़ का कहर झेल रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत बचाव कार्य चलाये जाने का आदेश पहले ही दे चुके हैं। प्रदेश में गंगा के साथ शारदा, घाघरा, राप्ती और कुआनो समेत अनेक नदियां उफान पर हैं और विभिन्न जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही, लेकिन लोगों को पर्याप्त ढ़ग से राहत नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते बाढ़ के बीच फंसे काफी लोगों में गुस्सा भी है।