आरयू वेब टीम। शीना बोरा हत्याकांड की आरोपित इंद्राणी मुखर्जी को जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि हम मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी करना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन इस तथ्य को ध्यान में रखते हैं कि वह साढ़े छह साल से जेल में है और मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि इंद्राणी साढ़े छह साल पहले ही जेल में बीता चुकी हैं, जबकि सह आरोपित जमानत पर बाहर है। यह मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है।
पिछले साल 20 दिसंबर को इंद्राणी मुखर्जी ने सीबीआई को पत्र लिखकर दावा किया था कि भायखला जेल में बंद एक महिला कैदी ने दावा किया कि वो कश्मीर में शीना बोरा से मिली थी। उस महिला का कहना था कि 24 जून, 2021 को डल झील के पास उसकी शीना बोरा से मुलाकात हुई थी।। वह इस बैठक में सीबीआई के सामने विस्तृत बयान देने को तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि इंद्राणी अगली सुनवाई में खुद अदालत में पेश होंगी और इस खुलासे के संबंध में कुछ दलीलें देंगी।
सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका भी दाखिल की गई थी। यहां तक कि फोरेंसिक साक्ष्य और डीएनए नमूने स्थापित होने के बाद भी, शीना बोरा के अवशेष मुंबई पुलिस और सीबीआई दोनों की प्रारंभिक रिपोर्ट में हैं। खान का दावा है कि फोरेंसिक रिपोर्ट में विसंगतियां थीं और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत यह साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं कि बरामद किया गया शव वास्तव में शीना का था।
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अप्रैल 2012 में 24 साल की शीना बोरा का कथित तौर पर उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी, उसके तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और इंद्राणी के दूसरे पति संजीव खन्ना द्वारा एक कार में गला घोंट दिया गया था। उसका शव बाद में रायगढ़ जिले के एक जंगल में मिला जहां उसे कथित तौर पर जला दिया गया था। यह मामला 2015 में तब सुर्खियों में आया जब राय ने हत्या के बारे में खुलासा किया जिसके कारण इंद्राणी, राय, खन्ना और बाद में उसके तत्कालीन पति पीटर मुखर्जी की गिरफ्तारी हुई। राय इस मामले में सरकारी गवाह बने, जबकि पीटर मुखर्जी को पिछले साल जमानत मिली थी।