आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हाल में संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में “उत्तर प्रदेश रक्षा एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति” को मंजूरी मिलनेे को जहां सराहनीय कदम बताया है, वहीं पिछली सरकार पर निशाना भी साधा है।
इस नीति के लागू होने के बाद से आने वाले पांच सालों में करीब ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। पिछली सपा और बसपा सरकारों के दौरान रोजगार के क्षेत्र में तिनका भर कार्य न होने से यूपी में बेरोजगारी चरम पर थी।
बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चन्द्रमोहन ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही यूपी में रोजगार पैदा करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास शुरू किए थे। सीएम का प्रयास अब मूर्त रूप में सामने आ रहा है। उद्योग संगठनों और सरकारी व गैर सरकारी संगठनों से मिलकर तैयार की गई “स्किल इंडिया रिपोर्ट-2018” के अनुसार युवा रोजगार क्षमता के क्षेत्र में लखनऊ पहली बार चौथे पायदान पर आया है।
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आंकड़ों की बात करते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने दावा किया कि खास बात यह है कि लखनऊ की यह रैंक देश के दूसरे बड़े शहरों से कहीं अच्छी है। इससे साफ होता है कि यूपी में भाजपा सरकार की देखरेख में चल रहे कौशल विकास के कार्यक्रमों ने खासा प्रभाव डाला है।
48 हजार महिलाओं को दिलाया जाएगा रोजगार
उन्होंने आगे कहा कि योगी सरकार ने बुंदेलखंड की 48 हजार से अधिक महिलाओं को भी डेयरी उद्योग से जोड़ने की तैयारी की है। इसके तहत बुंदेलखंड के 22 विकास खंडों में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत डेयरी उद्योग विकसित किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में इस कार्यक्रम से 48 हजार महिलाओं को रोजगार दिलाया जाएगा।
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इतना ही नहीं राज्य सरकार पिछड़े वर्ग के लोगों को भी रोजगार और स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित करेगी। इसके लिए तैयार की गई योजना के मुताबिक 18 से 45 वर्ष तक की उम्र के लोगों को 18 ट्रेडों में ट्रेनिंग दी जाएगी।