आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। दो दिवसीय उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट (यूपीआइएस) के शुभारंभ सत्र में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को बार-बार कहते हैं कि विकास का कोई विकल्प नहीं हो सकता। विकास के लिए सुशासन की जरूरत है। अगर हमें भारत को महाशक्ति के रूप में विश्वपटल पर लाना है तो वह मार्ग उत्तर प्रदेश से जाता है।
वहीं पहले दिन हुए 1045 एमओयू पर चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि यह महज संयोग है कि हमारी सरकार ने चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है और इतनी ही रकम यानी 4.28 लाख करोड़ रुपए के 1045 एमओयू पर हमने हस्ताक्षर किए हैं। इसमें 500 कंपनियां शामिल हैं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार तीन साल में 40 लाख रोजगार देगी। उनकी नई औद्योगिक नीति पूरी तरह रोजगारपरक है। उन्होंने देश के जाने-माने उद्योगपतियों को साथ लेकर राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया है। बिजनेस रिफार्म एक्शन के लिए उनके 20 विभाग लगे हैं।
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एमओयू पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर एमओयू के क्रियान्वयन का काम वे खुद अपनी निगरानी में रखेंगे। इन एमओयू की वे लगातार समीक्षा करेंगे ताकि निवेशकों को कहीं कोई असुविधा न हो। प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के विजन को साकार करने के लिए यूपी को आगे बढ़ाएंगे।
यूपी को पिछड़े और पिछड़े राज्य की श्रेणी से उबारना लक्ष्य
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यूपी को पिछड़े और बीमारू राज्य की श्रेणी से उबार कर देश के समृद्ध राज्य की श्रेणी में खड़ा करने का लक्ष्य लेकर उनकी सरकार ने प्रयास शुरू किए हैं। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट उसकी एक कड़ी है। इस समिट में जो फोकस सेक्टर तय किए हैं, उनमें एग्रो, फूड प्रोसोसिंग, डेरी, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चर, आईटी, टूरिज्म, सिविल एविएशन लघु एवं मध्यम उद्योग, हैण्डलूम, फिल्म और ग्लोबल एनर्जी आदि शामिल हैं।