आरयू ब्यूरो
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज सपा-कांग्रेस गठबंधन समेत बीजेपी पर हमला किया। मायावती ने कहा कि इन पार्टियों की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है। यह सिर्फ लुभावने और झूठे घोषणा पत्र जारी कर जनता को ठगना चाहते है। प्रदेश की जनता इनसे सावधान रहें।
सपा और कांग्रेस ने तो अलग-अलग घोषणा पत्र जारी करने के बाद भी 10 बिन्दुओं वाला साझा घोषणा पत्र जारी कर प्रदेश की 22 करोड़ जनता की आंख में धूल झोंकने का प्रयास किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की घोषणाओं को गिनाते हुए कहा कि महामाया गरीब आथिर्क मदद योजना’ व सावित्रीबाई फूले बालिका शिक्षा मदद येजना के तहत छात्राओं को 15 हज़ार रुपये की प्रोत्साहन राशि व स्कूल जाने के लिये साइकिल की व्यवस्था की गयी थी।
11वीं पास करने पर उन्हें 10 हज़ार रुपये अतिरिक्त देने की व्यवस्था भी 2009-10 में ही लागू करके लाखों बालिकाओं को हर वर्ष लाभ पहुंचाया गया था। छात्रवृत्ती की धनराशि बढ़ाने के साथ ही उसे छात्रों के खातों में सीधे पहुंचाकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाई थी।
महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना के माध्यम से लड़कियों को 18 वर्ष पूरे होने पर एक लाख रुपये देने की योजना लागू की गयी तथा शहरी गरीब आवास समेत अन्य योजनाएं लागू कर लाखों गरीब और बेघरों को आवास दिया।
पुलिस विभाग में व्यापक सुधार के अन्तर्गत एक मुश्त दो लाख चार हजार व एक लाख 10 हजार गाँवों में सफाईकर्मियों के पद स्वीकृत कर उन पर बहाली की गई। सरकारी क्षेत्रों में भर्ती पर लगी रोक हटाकर युवाओं व बेरोजगारों को स्थायी नौकरी दी गयी
मायावती ने कहा कि इस प्रकार सपा, कांग्रेस व बीजेपी जनहित की जो भी घोषणाएं व वायदे कर रहे हैं। उनमें से ज्यादातर बीएसपी की नकल हैं। इन योजनाओं को बसपा पहले ही लागू भी कर चुकी है।
अखिलेश यादव पर बसपा प्रमुख ने निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार ने जातिवादी व राजनीतिक द्वेष की मानसिकता के कारण जनहित व जनकल्याण की कई योजनाओं के सत्ता में आते ही या तो बन्द कर दिया या फिर उनका नाम बदलकर उन्हें जारी रखा है। यह हर कोई जानता है।