आरयू वेब टीम।
अंतिम चरण में पूर्वांचल में होने वाले चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आज इसी क्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोनभद्र, मिर्जापुर और चन्दौली में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर विरोधियों पर न सिर्फ जमकर हमला किया बल्कि अपने विकास कार्यों को जनता को याद दिलाने के साथ चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने की बात एक बार फिर दोहराई।
हमेशा की तरह आज भी उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा रही। इसके अलावा उन्होंने अपनी दूसरी विरोधी पार्टी बसपा और उसकी मुखिया को भी नहीं बख्शा।
सपा मुखिया ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से कामों का हिसाब मांगा तो उन्होंने कोई जवाब तक नहीं दिया। जब प्रधानमंत्री ने कोई काम ही नहीं किया है तो वह क्या हिसाब देंगे। मोदी शायद भूल गए हैं कि लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी होती है। विधानसभा के इस चुनाव में अब जनता उनका हिसाब-किताब करेगी।
मोदी ने पिछले तीन साल में कोई ऐसा काम नहीं किया है जिससे देश की जनता को कोई लाभ पहुंचा हो। प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के लोग समाजवादी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हैं, जबकि हमने जो काम किया वह दिखता है। प्रदेश की जनता हमारे काम से खुश है।
दूसरी पार्टियों की तरह अखिलेश यादव ने भी दावा करते हुए कहा कि पिछले छह चरणों के मतदान में सपा-कांग्रेस गठबंधन सबसे आगे है। इसीलिए भाजपा के लोगों के चेहरे लटके हुए हैं। यहां तक की उनके रोड शो का जनता पर कोई असर नहीं है। अब आखिरी सातवें चरण के मतदान में भी हमारा गठबंधन दूसरे दलों से आगे ही रहेगा
सीएम ने जनता से कहा कि चुनाव में बीजेपी और बीएसपी की करारी हार होने जा रही है। यहीं वजह है कि भाजपा और बसपा अंदर से एकजुट होकर हमें रोकने में लग गयी हैं।
उन्होंने लोगों से भाजपा और बसपा से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि प्रदेश की तरक्की और जनता की खुशहाली के लिए सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनना बहुत जरूरी है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए बोले कि झूठ बोलकर और जनता को झूठे ख्वाब दिखाकर केंद्र की सत्ता में आने वालों ने अभी तक कोई बड़ा काम नहीं किया है।
नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी करके गरीबों, मजदूरों, किसानों, व्यापारियों की कमर तोड़ दी। नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को चौपट किया है। लेकिन अब प्रधानमंत्री यह भी नहीं बता रहे है कि कितना कालाधन सामने आया। उन्हें जनता को यह भी बताना चाहिए कि नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद और मानव तस्करी पर कितनी रोक लगी।