आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अधिवक्ता प्रशांत भूषण से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को दी गई अंतरिम जमानत की शर्तों के कथित उल्लंघन को साबित करने के लिए सामग्री दाखिल करने को कहा। आशीष मिश्रा ने उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम में तिपहिया साइकिलें वितरित कीं, जबकि अदालत ने उन्हें केवल मुकदमे की कार्यवाही में भाग लेने के लिए राज्य में प्रवेश करने की अनुमति दी थी।
यह भी पढ़ें- सोची-समझी साजिश के तहत लखीमपुर में किसानों को गया था कुचला, SIT की जांच में खुलासा, केंद्रीय मंत्री के बेटे अशीष पर चलेगा हत्या का मुकदमा
उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने जनवरी 2023 में अंतरिम जमानत दे दी थी। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अगर आशीष मिश्रा शारीरिक रूप से कार्यक्रम में शामिल हुए, तो यह जमानत आदेश का उल्लंघन था, जबकि किसानों के परिवारों की ओर से पेश हुए भूषण को संबंधित सामग्री दाखिल करने की अनुमति दी गई थी।
यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हत्याकांड में आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, दिल्ली में रहने की मिली इजाजत
भूषण को आश्चर्य हुआ कि आशीष मिश्रा इस कार्यक्रम में कैसे भाग ले सकते हैं और ट्राइसाइकिल वितरित कर सकते हैं। भूषण ने कार्यक्रम में कथित तौर पर आशीष मिश्रा की उपस्थिति दिखाने वाले एक वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि मैं इस संबंध में एक हलफनामा दायर करूंगा और दिखाऊंगा कि इस अदालत के आदेश का कैसे उल्लंघन किया जा रहा है।
अदालत ने कोई आदेश पारित नहीं किया, लेकिन मौखिक रूप से कहा कि आप अपना हलफनामा दायर कर सकते हैं। हम अपने आदेश में इसका उल्लेख नहीं कर रहे हैं। आशीष मिश्रा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि उनका मुवक्किल इतना मूर्ख नहीं हो सकता कि वह अपनी स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला कुछ भी करे।