आरयू वेब टीम। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल छह महीने और बढ़ाने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सहमति दे दी है। इस मामले में कई सुनवाइयों के बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने बुधवार को केंद्र के फैसले को बरकरार रखा।
पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले को ‘कानून का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।’ पीठ ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार है। जो संविधान की राज्य सूची की सातवीं अनुसूची की प्रविष्टि एक, दो और आठ (पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि) से संबंधित सभी मुद्दों का निपटारा करता है।
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इनमें कहा गया है कि ये विषय दिल्ली सरकार के विधायी और कार्यकारी दायरे से परे हैं और इसलिए, प्रथम दृष्टया, केंद्र के पास मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ाने की अपेक्षित शक्ति है।
गौरतलब है कि इससे पहले, मंगलवार को केंद्र ने अदालत को यह बताया था कि वह कुमार का कार्यकाल बढ़ाना चाहता है। इस पर पीठ ने पूछा था कि ऐसा करने के लिए क्या केंद्र के पास आवश्यक शक्ति है। साथ ही आश्चर्य जताते हुए केंद्र से यह भी पूछा था कि क्या उसके पास केवल एक व्यक्ति है। उसके पास दिल्ली के सीएस पद के लिए कोई अन्य आईएएस अधिकारी नहीं है।