CM केजरीवाल ने की चीफ सेक्रेटरी को सस्पेंड करने की मांग, LG को भेजी कथित घोटाले की रिपोर्ट

केजरीवाल
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट उपराज्यपाल को भेजी है, जिसमें मुख्य सचिव नरेश कुमार पर पद का इस्तेमाल करके बेटे की भागीदारी वाली कंपनी और आईएलबीएस के बीच “लाभप्रद सहयोग” कराने का आरोप लगाया गया है। यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को सतर्कता मंत्री ने केजरीवाल को सौंपी थी।

रिपोर्ट में कुमार को निलंबित करने और मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराने की सिफारिश की गई है। मुख्य सचिव के करीबी सूत्रों ने दावा किया है कि उनके बेटे ने कंपनी और आईएलबीएस के बीच किसी भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उन्होंने दावा किया कि वह शेयरधारक, निदेशक, भागीदार या कर्मचारी के रूप में संबंधित कंपनी से बिल्कुल भी जुड़े नहीं हैं।

यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान ने बृहस्पतिवार को एक बयान में आरोपों को “पूरी तरह से निराधार और तथ्यहीन” बताया था। बयान में कहा गया है, “आईएलबीएस पुष्टि करता है कि उसने कोई खरीद आदेश जारी नहीं किया या किसी एएल सॉफ्टवेयर डेवलपर या कंपनी को कोई भुगतान नहीं किया।” रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कुमार के बेटे की कंपनी और आईएलबीएस ने 24 जनवरी 2023 को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।

रिपोर्ट में दावा किया गया कि ‘‘एमओयू में कंपनी को इस परियोजना के माध्यम से विकसित किसी भी बौद्धिक संपदा के लिए संयुक्त बौद्धिक संपदा अधिकार दिया गया और इस सहयोग से तैयार होने वाले उत्पाद से भविष्य में होने वाली कमाई के मुनाफे को दोनों के बीच 50-50 प्रतिशत बांटने का प्रावधान किया गया।”

यह भी पढ़ें- केजरीवाल का दावा, शराब घोटाले का पूरा केस ही फर्जी, लिए जा रहे डरा-धमकाकर बयान

साथ ही ये भी आरोप लगाया गया है, ‘‘प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि नरेश कुमार ने अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का उल्लंघन किया है और अपने पद का इस्तेमाल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाकर अपने बेटे की कंपनी को लाभप्रद सहयोग उपलब्ध कराने के लिए किया।” रिपोर्ट में एमओयू को तुरंत रद्द करने की अनुशंसा भी की गई है।

यह भी पढ़ें- केजरीवाल ने उपराज्यपाल को लेटर लिख दिल्ली की कानून-व्यवस्था को चिंताजनक तो LG व गृह मंत्रालय को बताया इसका सीधे जिम्मेदार