आरयू वेब टीम। आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। जिसमें विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही सोमवार को ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई। लोकसभा के पटल पर विधेयक के पेश किए जाने के कुछ मिनटों में ही ये पारित हो गया। विपक्षी पार्टियों ने बिल वापसी पर चर्चा की मांग की, लेकिन उनकी मांगों को नहीं माना गया।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कानून वापसी का विधेयक लोकसभा में पेश किया था जिसे निचले सदन ने पास कर दिया है। लोकसभा से विधेयक पास होने के बाद इसे राज्यसभा भेजा जाएगा और वहां से पास होने पर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तीनों कृषि कानूनों को रद्द माना जाएगा।
गौरतलब है कि गुरु पर्व के दिन राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का ऐलान किया था। कुछ दिन पहले ही कैबिनेट ने भी इसे मंजूरी दी थी।
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कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए किसान एक साल से आंदोलन कर रहे हैं और 26 नवंबर को इस आंदोलन के एक साल पूरे हुए थे। मोदी सरकार द्वारा कानूनों को निरस्त करने के बाद किसान चाहते हैं कि उन्हें एमएसपी की गारंटी दी जाए। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी सारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा, हालांकि मोदी सरकार ने किसानों से अपील की है कि अब वो अपने घर लौट जाए।
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