जेल में जमीन पर बीती शशिकला की पहली रात, 50 रुपये की मजदूरी पर बनाएंगी मोमबत्‍ती

sashikala

आरयू वेब टीम।

दो दिन पहले तक मुख्‍यमंत्री की कुर्सी के बेहद करीब दिख रही शशिकला ‘चिन्‍नम्‍मा’ की पहली रात बेंगलुरु की जेल में जमीन पर बीती। खाने में उन्‍हें दो रोटी, एक कप चावल और सांभर दिया गया। बटर मिल्क भी उन्हें उपलब्ध कराया गया।

चेन्नई के पोएस गार्डन में शानो-ओ-शौकत की जिंदगी गुजारने वाली शशिकला ने जेल में मोमबत्‍ती और अगरबत्‍ती बनाने का काम दिया गया है। इस काम के लिए उन्‍हें प्रतिदिन 50 रुपए मिलेंगे। रविवार को भी उन्‍हें यही काम करना होगा।

आय से अधिक के मामले में जेल पहुंची लगभग 60 वर्षीय चिन्‍नम्‍मा की पहचान अब कैदी नम्‍बर 3295 के रूप में होगी। इसी मामले में दोषी करार पाए गए उनके साथी इलरवासी और दिनकरण कैदी संख्या 3296 और 3297 के रूप में जाने जाएंगे।

उल्‍लेखनीय है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की सजा होने के बाद बुधवार को एआईएडीएमके की नेता परपप्ना अग्रहारा कोर्ट में सरेंडर किया था।

जिसके बाद जेल प्रशासन ने मेडिकल परीक्षण कराकर उन्‍हें और उनके दो साथियों को नियमानुसार प्लेट, गिलास व कंबल आवंटित किया था।  शशिकला इस मामले में पहले छह महीने की सजा काट चुकी है, अब उन्‍हें लगभग साढ़े तीन साल जेल में गुजारने होंगे।

इससे पहले शशिकला को आत्मसमर्पण करने से दो सप्ताह की छूट देने की गुहार लेकर बुधवार को पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी की सुप्रीम कोर्ट ने कोई दलील नहीं सुनी। शीर्ष अदालत ने कहा, शशिकला को तत्काल आत्मसमर्पण करना होगा।

हम इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं करेंगे। सुनवाई के दौरान तुलसी अपनी बात रख ही रहे थे कि अदालत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, हम इस पर कोई आदेश नहीं देना चाहते। माफ कीजिये।

बेंगलुरु की जिस जेल में शशिकला आत्मसमर्पण करने पहुंचीं, वहां पर कुछ उपद्रवियों ने तमिलनाडु की पंजीकृत गाड़ियों पर हमला कर दिया। शशिकला के वकील के वाहन पर भी हमला किया गया है।

बता दें कि बेंगलुरु में चल रहे एयर-शो की वजह से हवाई अड्डा बंद था, शशिकला चेन्नई से बेंगलुरु सड़क मार्ग से पहुंचीं।