साइकिल ट्रैक में गड़बड़ी करने वालों को बचा रहे LDA के अफसर

Cycle track
कारस्तानी सामने आने के बाद रातो-रात तैयार हो रहा ट्रैक। फोटो-आरयू

आरयू फॉलोअप।

लखनऊ। मुख्‍यमंत्री के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट साइकिल ट्रैक में हुए दोहरे टेंडर के खुलासे के चार दिन बीत जाने के बाद भी एलडीए के अधिकारियों ने कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की है।

जहां अभी तक इस मामले की जांच शुरू भी नहीं हुई है। वहीं दूसरी ओर भुगतान के लिए कागजों में सात महीने पहले ही पूरा दिखाया गया बोलॉर्ड और कर्ब स्‍टोन लगाने के काम को इंजीनियर अब तेजी से पूरा करा रहे हैं।

इतने महत्‍वपूर्ण मामले में फर्जीगिरी खुलने के बाद भी अधिकारियों के इस रवैय्ये  ने उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। चर्चा है कि जब सीएम से जुड़े महत्‍वपूर्ण मामले में अधिकारियों की यह स्थिति है तो एलडीए बाकी के कामों को किस तरह से करता होगा।

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अफसरों की ढिलाई कहे या फिर उनकी ओर से दिए गए मौके का फायदा उठाते हुए घोटाले के पीछे जिम्‍मेदार अपनी कारस्‍तानी के सबूत मिटाने में लगे हैं। एलडीए सूत्रों का कहना है कि मामला खुलने के बाद जहां भ्रष्‍ट अफसरों में हड़कंप है, वहीं वह इससे बचने के पैतरें भी तैयार करने में लगे हैं।

क्‍या एलडीए के अधिकारी मान चुके सत्‍ता में नहीं लौटेगी सपा

यह हालात तब है जब सपा के मुख्‍य प्रवक्‍ता राजेंद्र चौधरी ने खुद कहा था कि सीएम के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट के साथ गड़बड़ी करने वाले अफसरों के खिलाफ चुनाव बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एलडीए अधिकारियों की कार्यप्रणाली देखकर तो ऐसा लगता है कि जैसे उन्‍होंने मान लिया है सपा दोबारा सत्‍ता में लौटने वाली नहीं है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्‍यक्ष की कुर्सी पर दूसरी बार बैठे सत्‍येंद्र सिंह यादव का कहना है कि उन्‍होंने मामले की रिपोर्ट चीफ इंजीनियर से मांगी है, रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करूंगा।

दूसरी ओर चीफ इंजीनियर ओपी मिश्रा ने बताया कि उन्‍हें उपाध्‍यक्ष के किसी आदेश की जानकारी नहीं है, हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि वह शनिवार को रिवर फ्रंट की मीटिंग की वजह से कार्यलय नहीं पहुंच सके थे।

फिर याद आई साइकिल ट्रैक के लिए राजशेखर की संजीदगी

आइने की तरह सबकुछ साफ होने के बाद कार्रवाई की जगह भले ही एलडीए के अधिकारी चार दिन से सो रहे हैं, लेकिन पिछले साल जुलाई में कुर्सी रोड के साइकिल ट्रैक में गड़बड़ी मिलते ही तत्‍कालीन जिलाधिकारी राजशेखर ने तत्‍काल बड़ी कार्रवाई की थी।

तेज-तर्रार आइएएस में शूमार राजशेखर ने मामले के लिए जिम्‍मेदार पीडब्‍लूडी के जेई को निलंबित, एई को प्रतिकूल प्रविष्टि और अधिशासी अभियंता को कारण बताओं नोटिस जारी किया था।

इतना ही नहीं उन्‍होंने आर्थिक भरपाई भी जिम्‍मेदार इंजीनियरों के वेतन से कराने का पीडब्‍लूडी के अधिकारियों को निर्देश दिया था।

ये है पूरा मामला

बता दें कि ‘राजधानी अपडेट’ ने 22 फरवरी को “यादव सिंह की राह पर एलडीए के इंजीनियर’ एक ही साइकिल ट्रैक का दो बार किया पेमेंट” शीर्षक से खबर पोस्‍ट कर सीएमएस तिराहे से हुसड़ि‍या चौराहे तक बनाए जा रहे साइकिल ट्रैक का फर्जी तरीके से दूसरी बार करीब डेढ़ करोड़ के पेमेंट का खुलासा किया था।

मामला खुलने के साथ ही यह भी साफ हो गया था कि एलडीए के इंजीनियरों ने नगर निगम के विरोध को किनारे करते हुए जर्जर और कूड़े से पटे नाले पर साइकिल ट्रैक कम से कम सीएम का ड्रीम प्रॉजेक्‍ट पूरा करने के लिए तो नहीं बनवाया था।

दूसरी ओर अब नगर निगम ने भी नालों की सफाई के लिए चार करोड़ से ज्‍यादा की लागत से तैयार हो रहे इस साइकिल ट्रैक को ताड़ने का निर्णय लिया है।