आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में एक बार फिर भूखंडों के घोटाले का मामला सामने आया है। ट्रांसपोर्ट नगर के तीन प्लॉट को जालसाजों ने बिना एलडीए के ईमानदार अफसरों की जानकारी में लाए ही फर्जी रजिस्ट्री करते हुए हड़प लिया था। करीब ढाई करोड़ की कीमत वाले इन व्यवसायिक भूखंडों के घोटाले का राजफाश एलडीए सचिव पवन गंगवार के निर्देश पर नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह द्वारा की गयी जांच में हुआ है।
पिछले साल ही हुए इस घोटाले के खुलने के बाद एलडीए सचिव के निर्देश पर तहसीलदार राजेश शुक्ला ने इन भूखंडों की खरीद-फरोख्त में शामिल छह बाहरी लोगों के खिलाफ गोमतीनगर कोतवाली में गुरुवार को मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज कर जहां गोमतीनगर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है।
वहीं पुलिस को अंदेशा है कि इस घोटाले के तार एलडीए में बैठे अफसर व कर्मियों तक जुड़ेगें। साथ ही यह भी सवाल उठ रहें हैं कि अगर तीन प्लॉट खाली थे तो दशकों पुरानी ट्रांसपोर्टनगर योजना के इन भूखंडों को किस मकसद से नीलामी में नहीं लगाया जा रहा था। गहनता से जांच होने पर पूर्व में ट्रांसपोर्टनगर योजना देखने वाले एलडीए के अधिकारी व कर्मचारियों की गर्दन भी फंसती नजर आ रही है।
एलडीए ने लिया कब्ज, लगाया नोटिस बोर्ड
दूसरी ओर सचिव के निर्देश पर तहसीलदार राजेश शुक्ला ने आज मौके पर पहुंचकर प्लॉट संख्या एफ-92, एफ-250 व एफ-340 पर एलडीए का कब्जा करा दिया है। 140 वर्ग मीटर के इन प्लॉट पर एलडीए की ओर से अपने मालिकाने हक की नोटिस भी लगा दी गयी है। राजेश शुक्ला ने बताया कि एक प्लॉट पर अवैध निर्माण चल रहा था, जिसे एलडीए द्वारा सील किया जा चुका है, जबकि दो अन्य खाली थे। तीनों ही भूखंडों को एलडीए ने अपने कब्जे में ले लिया है।
इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मुकदमा
तहसीलदार की तहरीर पर गोमतीनगर कोतवली में आज लखनऊ के चार लोगों के अलावा जौनपुर व सोनभद्र जिले के निवासी एक-एक व्यक्ति के खिलाफ आइपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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फर्जी रजिस्ट्री कर सरकारी जमीन हड़पने व अन्य आरोपों के तहत जिन लोगों के खिलाफ एलडीए ने मुकदमा दर्ज कराया है, उनमें गोमतीनगर के कमल नेहरू मार्ग निवासी ललित कुमार लोधी, कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी के संजय कुमार सिंह व सतवीर सिंह, मानसनगर निवासी गौतम मधमान के अलावा जौनपुर जिले के मुरादगंज निवासी दीपक शुक्ला और सोनभद्र जनपद के रार्बट्सगंज निवासी देवेंद्र राय शामिल हैं।
अफसरों की गंभीरता व ईमानदारी ने बढ़ा दी समायोजन गैंग की धड़कने
फर्जी रजिस्ट्री के जरिए भूखंड घोटाले की कुछ समय पहले एक शिकायत मिलने के बाद गंभीरता दिखाते हुए सचिव द्वारा हाल ही में एलडीए में नियुक्त हुए नजूल अफसर आनंद कुमार सिंह से कराई गयी जांच ने एलडीए को सार्थक परिणाम दिए हैं। वहीं ईमानदारी से हुई इस जांच के नतीजे ने एलडीए के समायोजन गैंग की धड़कनें भी बढ़ा दी है।
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सूत्रों की मानें तो एलडीए में अफसर, कर्मी व दलालों का एक बड़ा नेटवर्क कई सालों से काम कर रहा है, समायोजन गैंग के नाम से चर्चित यह नेटवर्क एलडीए के आलाधिकारियों की लापरवाही व डगमगाती नियत देख सक्रिय हो जाता है। इसके तार संपत्ति से लेकर वित्त, रजिस्ट्री, रेकॉर्ड, कम्प्यूटर व कास्टिंग अनुभाग तक फैले है। अधिकारियों ने जिस तरह ट्रांसपोर्ट नगर के अपने तीन भूखंडों को हासिल कर एलडीए को करोड़ों की आर्थिक क्षति से बचाया है, अगर अफसरों ने इसी गंभीरता से इस नेटवर्क पर काम किया तो जल्द ही कई बड़े भूखंड घोटालों से भी पर्दा उठ जाएगा।
ट्रांसपोर्टनगर के भूखंडों में घोटाले की शिकायत मिली थी, जांच कराने के बाद छह लोगों के खिलाफ तहसीलदार की ओर से मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। मामले में आगे भी जांच की जाएगी अगर इसमें एलडीए के किसी कर्मचारी की भूमिका मिलती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। पवन कुमार गंगवार, एलडीए सचिव