आरयू संवाददाता,
लखनऊ। मंगलवार को ड्यूटी पर मोटरसाइकिल से जा रहे एक हेड कांस्टेबल को जानकीपुरम के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल डाला। दीवान की दर्दनाक मौत के बाद लोगों ने ट्रक के चालक व खलासी को पकड़कर पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। राहगीरों का कहना था कि नो इंट्री में घुसा ट्रक पुलिस की वसूली से बचने के लिए भाग रहा था, तभी घटना हो गयी। हालांकि स्थानीय पुलिस इससे इंकार कर रही है। दूसरी ओर दीवान की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा था।
बताया जा रहा है कि मूल रूप से देवरिया जिले के भाटपार निवासी अखिलेश्वर सिंह (56) ऐशबाग के मोतीझील में पत्नी गुड्डी देवी, बेटे राघवेंद्र, रणविजय व बेटी रेनू के साथ रहते थे। कुछ समय से अखिलेश्वर सिंह बाराबंकी जिले के कुर्सी थाना से सम्बद्ध पीआरवी में तैनात थे। रोज की तरह आज सुबह भी वह अपनी बाइक से ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकले थे।
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इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास पहुंचते ही गमला लादकर जा रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाइक को पीछे से धक्का मार दिया। जिसके चलते वह सड़क पर मोटरसाइकिल समेत गिर पड़े। अखिलेश्वर संभल पाते इससे पहले ही भागने के चक्कर में चालक ने उनपर ट्रक चढ़ा दी। ट्रक में फंसकर वह सड़क पर घिसटते चले गए। ये देख लोगों को रुह कांप गयी। करीब 50 मीटर घिसटने के बाद किसी तरह राहगीरों ने ट्रक को रुकवाया, लेकिन तब तक उनकी दर्दनाक मौत हो चुकी थी, जबकि उनका शव भी बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो चुका था।
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घटनास्थल पर जुटे लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को देने के साथ ही चालक और क्लीनर की पिटाई कर दी। जानकारी पाकर मौके पर पहुंची जानकीपुरम पुलिस ने चालक व क्लीनर को गिरफ्तार करने के साथ ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया।
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मौके पर मौजूद बाइकसवार प्रत्यक्षदर्शी का कहना था कि आइआइएम तिराहा, सीतापुर रोड पर बाइक सवार दो पुलिसकर्मियों ने ट्रक को रोकना चाहा, लेकिन ड्राइवर ने ट्रक नहीं रोका और रफ्तार तेज कर दी। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने ट्रक का पीछा करना शुरू कर दिया। इसी दौरान दुर्घटना हो गयी। हालांकि इंस्पेक्टर जानकीपुरम का कहना था कि वसूली की बात गलत है, दुर्घटना के लिए दोषी चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
उधर अखिलेश्वर सिंह के मौत की सूचना पाकर उनका छोटा बेटा राघवेंद्र व परिवार के अन्य सदस्य व उनके परिचित पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचें। जहां घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों ने बताया कि बड़ा बेटा रणविजय सिंह बीएसएफ का जवान है, इस वक्त उसकी तैनाती असोम में है। घटना की जानकारी उसे भी दे दी गयी है।