उद्धव ठाकरे का ऐलान, वक्‍फ बोर्ड हो या कोई मंदिर की संपत्ति, किसी को नहीं दूंगा छूने

उद्धव ठाकरे
प्रेसवार्ता में बोलते उद्धव ठाकरे।

आरयू वेब टीम। महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वक्‍फ बोर्ड हो या कोई अन्‍य मंदिर या अन्‍य धर्म की धार्मिक संपत्ति, मैं किसी को भी छूने नहीं दूंगा। साथ ही महाराष्‍ट्र के पूर्व सीएम ने विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी की ओर से मुख्‍यमंत्री उम्‍मीदवार का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर अपना रुख साफ कर दिया है।

उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता में कहा मैं ये ऐलान करता हूं कि चाहे वक्‍फ बोर्ड हो या कोई अन्‍य मंदिर या अन्‍य धर्म की धार्मिक संपत्ति, मैं किसी को भी उन संपत्तियों को किसी भी कीमत पर छूने नहीं दूंगा। यह मेरा वादा है। “ये सिर्फ वक्‍फ बोर्ड का सवाल नहीं है। ये हमारे मंदिरों का भी मामला है, क्योंकि शंकराचार्य कहते हैं कि केदारनाथ से 200 किलो सोना चोरी हुआ था।”

उद्धव ठाकरे ने आगामी राज्य चुनावों में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) द्वारा प्रस्तावित किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करने की बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव राज्य के स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। “महा विकास अघाड़ी का सीएम चेहरा तय हो, मैं इसका समर्थन करूंगा।

इसको स्पष्ट करते महाराष्‍ट्र के पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी-एससीपी अपना सीएम चेहरा सुझाएं, मैं इसका समर्थन करूंगा, क्योंकि हमें महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए काम करना है और मैं इन ’50 खोखाओं’ और ‘गद्दारों’ को जवाब देना चाहता हूं कि लोग हमें चाहते हैं, आपको नहीं।”

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भाजपा के साथ गठबंधन बनाने के अपने पिछले अनुभव से सीख लेते हुए, उद्धव ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पहले ही तय कर लिया जाना चाहिए। “भाजपा के साथ गठबंधन के हमारे अनुभव के बाद, हमारा विचार है कि हमें गठबंधन में सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद देने की नीति का पालन नहीं करना चाहिए।”

उद्धव ठाकरे ने कहा “बीते कई चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन में, हमने अनुभव किया है कि ज्यादा से ज्यादा विधायक बनाने के लिए, पार्टियां खुद ही अपने दूसरे सहयोगियों के उम्मीदवारों को हराने की कोशिश करती हैं। इसलिए मैं इस बात के पक्ष में नहीं हूं कि सबसे ज्यादा विधायक वाली पार्टी को सीएम पद मिलना चाहिए।”

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