सीएम योगी ने कहा, अनलॉक-वन का मतलब आजादी नहीं, सार्वजनिक स्‍थानों पर इकट्ठा न हों पांच से अधिक लोग, ये निर्देश भी दिए

अनलॉक-वन

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। हाल के दिनों में उत्‍तर प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के खतरे के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस संक्रमण प्रसार की चेन तोड़ने के लिए पूरी सावधानी बरतने पर जोर देते हुए कहा कि अनलॉक 1.0 का मतलब स्वतंत्रता नहीं है। उन्होंने दो गज की दूरी के नियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सार्वजनिक स्थानों पर एक साथ पांच से अधिक लोग एकत्र ना हों। पुलिस लगातार गश्त करते हुए कहीं भी भीड़ जमा ना होने दे।

आज हुई टीम इलेवन की बैठक में मुख्यमंत्री ने अनलॉक1.0 की समीक्षा कर कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर के इलाकों में चरणबद्ध तरीके से छूट देने की व्यवस्था की गई है और इसके तहत आठ जून से विभिन्न गतिविधियों को छूट दी जानी है। मुख्यमंत्री ने 15 जून से 30 जून, 2020 के मध्य से एक करोड़ मानव दिवस प्रतिदिन सृजित करने के लिए एक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

इस दौरान सीएम ने यह भी कहा कि कृषि, उद्यान, वन विभाग द्वारा पौधरोपण के लिए गड्ढा खोदने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण की योजना, चेक डैम निर्माण, जल जीवन मिशन से जुड़े कार्यों सहित विभिन्न कार्य करते हुए रोजगार उपलब्ध कराए जाए।

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योगी ने नगर विकास विभाग तथा ग्राम्य विकास विभाग को निर्देश दिया कि स्ट्रीट वेंडरों को रोजगार देने के संबंध में एक जनपद का चयन करते हुए उसका अध्ययन करें तथा स्ट्रीट वेंडरों को प्रधानमंत्री पैकेज के साथ जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने का एक मॉडल तैयार करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि कोई सड़क पर न सोए, प्रधानमंत्री के पैकेज में श्रमिकों एवं कामगारों के लिए किराए पर मकान उपलब्ध कराने हेतु भवन निर्माण की व्यवस्था है।

श्रमिक वापस जाने के इच्छुक न हों, तो…

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रदेश में कार्यरत अन्य राज्यों के श्रमिक यदि अपने गृह प्रदेश जाना चाहते हैं तो उनकी सकुशल वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि ऐसे श्रमिक वापस जाने के इच्छुक न हों, तो उनका यह निर्णय लिखित रूप में प्राप्त कर लिया जाए।’’ उन्होंने निर्देश दिए कि सभी रेलवे स्टेशनों पर प्रशासन, पुलिस तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें।

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उत्तर प्रदेश के नव निर्माण में लिया जाएगा लौटे श्रमिकों का योगदान उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार की मंशा है कि देश के विभिन्न कोनों से लौटे श्रमिकों/कामगारों से उत्तर प्रदेश के नव निर्माण में योगदान लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में इनके लिए रोजगार सुलभ हो।’’ इस पर केन्द्रित एक सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में विभिन्न सेक्टरों में इनके लिए रोजगार की सम्भावनाएं चिन्हित की जाएं। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों से जुड़े विभाग कामगारों/श्रमिकों के लिए रोजगार की उपलब्धता का आकलन करने के लिए एक कार्य योजना बनाएं।