आरयू ब्यूरो,लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी विधानसभा चुनाव टालने की एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
दरअसल चुनाव अधिसूचना को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि यूपी में कोविड 19 का जबरदस्त प्रकोप है और संविधान के अनुसार वर्तमान सरकार के कार्यकाल की समाप्ति के बाद चुनाव होना चाहिए। जनहित याचिका अतुल कुमार और एक अन्य ने अधिवक्ता अशोक पांडे के माध्यम से दायर की।
इसमें कहा गया कि मतदान की तारीख की घोषणा में चुनाव आयोग ने विवेक का प्रयोग नहीं किया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता यूपी का चुनाव लड़ने का इच्छुक है। हालांकि, राज्य विधानसभा चुनाव क्योंकि कोरोना महामारी के बीच हो रहे हैं इसलिए वह चुनाव लड़ने में असमर्थ है।
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जनहित याचिका में तर्क दिया गया कि कानून के अनुसार, संसद और विधानसभा का आम चुनाव विधानसभा या लोकसभा के विघटन के बाद होता है, या जब उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला हो। याचिका में तर्क दिया गया कि इसका मतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही होना चाहिए।