आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके स्थित यूपी कोऑपरेटिव बैंक में शनिवार सुबह आग लग गई। आग बैंक के आठवें माले पर मौजूद कंप्यूटर रूम में लगी। यह वही कम्प्यूटर रूम है, जहां से 146 करोड़ रुपए फंड ट्रांसफर किया गया था। यहां पर रखीं कई फाइलें जलकर खाक हो गई हैं।
आग लगने की सूचना मिलते है, बैंक परिसर में हंगामा मच गया था। तुरंत ही इसकी जानकारी फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट को दी गई। मौके पर पहुंची फायर टीम ने आग को विकराल रुप लेने से पहले ही बुझाने में कामयाबी पाई। बैंक अफसरों का कहना है कि जिस जगह पर आग लगी, वहां पर कई साल पुरानी वाउचर्स की फाइलें रखी थीं, केवल वही वाउचर्स जले हैं।
लखनऊ के चीफ फायर ऑफिसर का कहना है कि आठवें फ्लोर में जिस जगह पर आग लगी, वहां पर फाइलें जलकर खाक हो गई हैं। तीन महीने पहले भी आग बुझाने के इंतजाम नहीं मिलने पर बैंक को नोटिस दिया गया था। आज फिर निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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वहीं, यूपी को-ऑपरेटिव बैंक एमडी वरुण मिश्रा के अनुसार, ट्यूबलाइट के शॉर्ट सर्किट से आग लगी है। कई साल पुराने वाउचर्स जहां रखे थे, उन फाइलों में आग लगी है, जो दस्तावेज जले हैं, वह सभी दस्तावेज कंप्यूटराइज्ड भी हमारे पास सुरक्षित हैं।
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बता दें कि, लखनऊ के यूपी कोऑपरेटिव बैंक के जिस आठवें फ्लोर पर लगे कंप्यूटर सेक्शन को हैक कर बैंक के रिटायर्ड अफसर आरएस दुबे और उनके साथियों ने 146 करोड़ का फंड ट्रांसफर कर हड़पने की कोशिश की गई थी। मामले की जांच साइबर थाने को दी गई थी,जांच में खुलासा हुआ कि आरएस दुबे की मिलीभगत से हैकर ने आठवें फ्लोर पर लगे कंप्यूटर्स में लाॅगर आईडी लगाकर कंप्यूटर हैक किए थे, जिसकी मदद से आठ विभिन्न खातों में 146 करोड़ का फंड ट्रांसफर किया गया था। मगर, समय रहते फंड ट्रांसफर की सूचना बैंक से पुलिस को मिली और पुलिस ने जालसाजों के खाते में फंड जाने से पहले ही रोक कर खाते फ्रीज करा दिए थे।