आरयू ब्यूरो, लखनऊ। तमाम दावों और प्रयासों के बाद भी उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार द्वारा 21 सितंबर यानि कल से स्कूल-कॉलेज नहीं खोलने का फैसला लिया गया है। मोदी सरकार की अनलॉक फोर की गाइडलाइन के अनुसार कल (21 सितंबर) से स्कूल कॉलेज खुलने वाले थे, हालांकि मौके की गंभीरता को देखते हुए छात्र-छात्राओं के लिए अभी स्कूल-कॉलेज बंद ही रहेंगे।
यूपी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूल खोलना संभव नहीं है, इसलिए इन्हें फिलहाल छात्रों के लिए बंद ही रखा जाएगा।
दूसरी ओर परिषदीय स्कूल छात्रों के अभिभावकों के लिए खुलेंगे। ऐसे बच्चे जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के कोई संसाधन नहीं हैं उनके अभिभावकों को सप्ताह में अपने बच्चों का होमवर्क लेने के लिए स्कूल जाना होगा। घर में जो भी पढ़ा लिखा हो जैसे माता-पिता, चाचा-चाची, भाई-बहन वह स्कूल जा सकते हैं।
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परिषदीय स्कूलों में वैसे तो अप्रैल से वॉट्सऐप व अन्य माध्यमों से पढ़ाई के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन सभी समझ रहे हैं कि संसाधनों के अभाव में इन्हें ऑनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन यादव ने कानपुर समेत पूरे प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के द्वितीय चरण का जो शेड्यूल भेजा है उसमें बच्चों के स्थान पर अभिभावकों के माध्यम से शिक्षण सामग्री भेजने, होमवर्क कराने और इसे पूरा कराकर स्कूल लाने की जिम्मेदारी सौंप दी है।
नए आदेश के अनुसार विशेषकर ऐसे बच्चे जिनके अभिभावक वॉट्सऐप से नहीं जुड़े हैं, उन परिवारों में पढ़े-लिखे सदस्यों को सप्ताह में एक दिन विद्यालय बुलाकर पूरे सप्ताह की शैक्षिक कार्ययोजना व कोर्स के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए हर घंटे दस अभिभावकों को बुलाया जा सकता है। शिक्षकों से कहा गया है कि जब अभिभावक स्कूल आएं तो उन्हें हर वह बात समझाने का प्रयास करें जिससे बच्चों की पढ़ाई हो सके और वे होमवर्क पूरा कर सकें।
बताते चलें कि उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने पहले ही कहा था कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों को खोलना संभव नहीं है।