मायावती की योगी सरकार को सलाह, मदरसों के प्रति बदले अपना रवैया, स्‍कूलों में 22 लाख कम एडमिशन पर भी जताई चिंता

बसपा चीफ

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को मदरसों के खिलाफ योगी सरकार के एक्शन को लेकर निशाना साधा। बसपा मुखिया ने कहा कि मदरसों की प्राइवेट व्यवस्था के विरुद्ध सरकार का रवैया सहयोग का होने के बजाय उन्हें अवैध बताकर बंद करना बुनियादी शिक्षा की जरूरत को और कमजोर करने वाला है। साथ ही सुझाव देते हुए कहा कि निजी मदरसों के प्रति सरकार अपना रवैया बदले तो बेहतर होगा।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्टकर मायावती ने इस बात पर भी चिंता जताई कि यूपी में लगभग 22 लाख बच्चों के एडमिशन में इस साल गिरावट आई है। साथ ही यूपी के प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में सन 2023-24 में 1.74 करोड़ दाखिले हुए, किन्तु 2024-25 में मात्र 1.52 करोड़ अर्थात स्कूल दाखिला में लगभग 22 लाख की गिरावट सरकारी स्कूल व्यवस्था की ऐसी बदहाल स्थिति गंभीर व चिन्तनीय है। शिक्षा के महत्व व जरूरत पर सरकार का उचित ध्यान जरूरी है।

मायावती ने कहा कि सस्ती व सुलभ व्यवस्था के तहत मदरसों आदि की प्राइवेट व्यवस्था के विरुद्ध सरकार का रवैया सहयोग का होने के बजाय उन्हें अवैध बताकर बंद करने का होना बुनियादी शिक्षा की जरूरत को और कमजोर करने वाला गैर-जरूरी व अनुचित है। निजी मदरसों के प्रति सरकार अपना रवैया बदले तो बेहतर है।

यह भी पढ़ें- BSP की बैठक में मायावती ने आकाश आनंद को दी अहम जिम्मेदारी, बनाए गए चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर

यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि वैसे तो सरकारी स्कूलों के हालात देश के अधिकतर राज्यों में काफी खराब हैं किन्तु यूपी व बिहार में यह अति-दयनीय होने से बहुजन गरीब परिवारों का बहुप्रतीक्षित विकास बाधित व इनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय। ऐसे में स्कूल शिक्षा पर ध्यान देकर इन्हें बंद करने के बजाय प्रोत्साहन जरूरी है।

बता दें यूपी में नेपाल सीमा से सटे कई जिलों में मदरसों पर एक्शन हो रहा है। कई पर बुलडोजर चले और उन्हें ध्वस्त कर दिया गया। जिलों की विभिन्न एजेंसियों ने पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराईच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज में एक्शन लिया था।

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट से मदरसों को बड़ी राहत, एक्ट को बताया संवैधानिक, HC का फैसला पलटा