बैठक कर कार्यकर्ताओं से बोलीं मायावती, चुनावी हवा चाहे किसी पार्टी के पक्ष में हो, BSP की रहनी चाहिए स्थिति अच्छी

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को समीक्षा बैठक की। इस दौरान पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अपनी कमियों पर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्हें कैडर के आधार पर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की हिदायत दी है। खासकर पार्टी का रिजल्ट खराब आने को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिम्मेदारों पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हर राज्य में पार्टी की तैयारी इस प्रकार  होनी चाहिए कि चुनाव में हवा चाहे किसी भी पार्टी के पक्ष-विपक्ष में हो, बसपा की स्थिति अच्छी रहनी चाहिए। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

मायावती ने कहा कि पार्टी के लोगों में इस बात की जागरूकता होना बहुत जरूरी है कि बसपा सरकार होगी तो बाबा साहब के मानवतावादी कारवां को आगे बढ़ाकर वंचित समाज के करोड़ों लोगों को अपना उद्धार स्वयं करने योग्य बनाया जा सकता है।

मायावती ने कहा कि सरकारों की गलत नीतियों व उनके जनविरोधी कार्यकलापों के कारण देश में खासकर बढ़ती हुई महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी का अभिशाप, जी तोड़ मेहनत करने वालों को कम मेहनताना, नए-नए सरकारी नियम, कायदों व करों का बढ़ता जंजाल आदि के कारण जनता का त्रस्त होता दिन प्रतिदिन का जीवन अब सत्ताधारी पार्टियों को महंगा पड़ने लगा है। बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि दलित व मुस्लिम समाज को सत्ता में अपनी उचित भागीदारी और राजनीतिक भविष्य को लेकर अब काफी सतर्क रहना चाहिए।

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वहीं कांग्रेस पर एक बार फिर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि कर्नाटक में इन वर्गों के लोगों ने एक जुट होकर कांग्रेस को वोट देकर जताया हैं, लेकिन सरकार बनते समय हमेशा की तरह इनकी उपेक्षा की गई है। इनकी दावेदारी की अनदेखी करते हुए इन्हें न तो मुख्यमंत्री बनाया गया और न ही उपमुख्यमंत्री। इससे यही सबक मिलता है कि कांग्रेस को कर्नाटक में भी दलित-मुस्लिम समाज के लोग केवल उनके अपने बुरे दिनों में ही याद आते हैं। सत्ता मिलते ही इन्हें दरकिनार कर दिया जाता है। कर्नाटक के लोगों को ही नहीं बल्कि देश भर में इन वर्गों के लोगों को इस कड़वी सच्चाई को समझकर आगे की तैयारी करने की जरूरत है।

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