अलाया अपार्टमेंट कांड में यूपी सरकार को हाई कोर्ट का झटका, सपा विधायक शाहिद मंजूर की गिरफ्तारी पर रोक

अलाया अपार्टमेंट कांड
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को अलाया अपार्टमेंट गिरने के मामले में अभियुक्त बनाए गए सपा विधायक शाहिद मंजूर को बड़ी राहत देते हुए, उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने शाहिद मंजूर की याचिका पर पारित किया है।

याचिका में याची ने अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को चुनौती दी है। न्यायालय ने याचिका पर राज्य सरकार को झटका देने के साथ ही उससे जवाब भी तलब किया है। गौरतलब है कि लखनऊ के हजरतगंज इलाके में अवैध तरीके से बनाया गया अलाया अपार्टमेंट बीते दिनों ढहने से सास-बहु समेत तीन बेगुनाहों की मौत हो गयी थी। हादसे के बाद करीब 20 घंटे तक रेस्क्यू कराया गया था। फंसे लोगों को निकालने के लिए पोकलैंड से इमारत की छत काटी गई थी।

यह भी पढ़ें- अलाया अपार्टमेंट हादसे में सास-बहू की मौत, बिना पोस्टमार्टम शव मांगने पर परिजनो व प्रशासन में नोकझोंक

वहीं अपार्टमेंट ढहने के मामले में नवाजिश मंजूर, मोहम्मद तारिक और यजदान बिल्डर्स के मालिका फहद यजदान के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके अलावा मंडलायुक्त ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों को ये भी निर्देश दिया था कि लखनऊ शहर में यजदान बिल्डर्स के द्वारा बनाई गई अन्य बिल्डिंगों का चिन्हाकन करके जांच करें तथा सर्वप्रथम दृष्टिया जांच करते हुए अवैध निर्माण व घटिया कंस्ट्रक्शन की स्थिति मे तत्काल ध्वस्तीकरण कराया जाना प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाए।

यह भी पढ़ें- लखनऊ बिल्डिंग हादसे में सपा विधायक का बेटा पुलिस हिरासत में, मुकद्दमा दर्ज

गौरतलब है कि इस अपार्टमेंट का नाम विधायक शाहिद मंजूर की पोती यानि बेटे नवाजिश शाहिद की बेटी अलाया के नाम पर ही है। शाहिद मंजूर मेरठ के किठौर से विधायक हैं। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि 15 लोगों को मलबे से निकाल लिया गया है।

यह भी पढ़ें- अलाया अपार्टमेंट हादसा में हुई एक और गिरफ्तारी, पुलिस ने पूर्व मंत्री के भतीजे को किया गिरफ्तार