UP विधान परिषद में निर्विरोध पहुंचें 13 MLC, सदन में नहीं होंगे अखिलेश

13 एमएलसी

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में राज्य के दो मंत्रियों समेत सभी 13 प्रत्याशियों का आज निर्विरोध निर्वाचन हो गया। विधान परिषद चुनाव के निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार चौबे ने मीडिया को बताया कि आज नाम वापसी के आखिरी दिन तक किसी भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया, लिहाजा सभी 13 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। इसमें भाजपा के 10 उम्मीदवारों के अलावा सपा, बसपा और अपना दल (एस) के एक-एक प्रत्याशी हैं।

भाजपा की तरफ से ग्राम्य विकास मंत्री महेंद्र सिंह और वक्फ राज्य मंत्री मोहसिन रजा के अलावा विजय बहादुर पाठक, सरोजिनी अग्रवाल, बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, जयवीर सिंह, विद्यासागर सोनकर, अशोक कटारिया और अशोक धवन अब उच्च सदन के सदस्य होंगे। वहीं, अपना दल (सोनेलाल) के आशीष सिंह पटेल भी विधान परिषद सदस्य बन गये हैं।

यह भी पढ़ें- विधान परिषद चुनाव के लिए 26 अप्रैल को होगा मतदान, जानें पूरा शड्यूल

सपा की एक सीट पर यूपी अध्‍यक्ष अध्यक्ष और मौजूदा विधान परिषद सदस्य नरेश उत्तम को चुना गया है। वहीं बसपा के भीमराव आंबेडकर को चुना गया हैं।

बताते चलें कि विधान परिषद सदस्य और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा भाजपा सरकार के मंत्रियों महेंद्र सिंह और मोहसिन रजा समेत 13 सदस्यों का कार्यकाल आगामी पांच मई को समाप्त हो रहा।
इसके बाद खाली हुई 13 सीटों में सात सपा की, दो-दो भाजपा और बसपा की और एक राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की थी। इनमें एक सीट पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी की भी थी, जो उनके सपा से बसपा में जाने के बाद खाली हुई थी।

यह भी पढ़ें- विधान परिषद चुनाव: सपा के समर्थन के बाद बसपा के भीमराव अंबेडकर ने दाखिल किया नामांकन

प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में अब भाजपा के 21 सदस्य हो गए हैं। वहीं, सपा के 55, बसपा के आठ, कांग्रेस के दो, अपना दल का एक तथा 12 अन्य सदस्य हैं। जबकि एक सीट अब भी खाली है।

पिछले करीब 18 सालों में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे। परिषद में अखिलेश का कार्यकाल पांच मई को समाप्त हो जाएगा। उन्होंने खुद की जगह प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को विधान परिषद भेजा। वहीं गठबंधन के चलते दूसरी सीट पर बसपा के भीमराव अंबेडकर को मौका दिया।

यह भी पढ़ें- सपा से विधान परिषद जाएंगे नरेश उत्‍तम, दाखिल किया नामांकन

बताते चलें कि अखिलेश ने 2000 में पहली बार कन्नौज से लोकसभा उप चुनाव से जीतकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा। 2004 में कन्नौज और गाजियाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़े। उन्होंने दोनों सीटों पर चुनाव जीता, फिर गाजियाबाद सीट छोड़ दी। 2009 में अखिलेश लगातार तीसरी बार कन्नौज से सांसद बने। 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद सांसदी छोड़ दी। वह पांच मई 2012 को एमएलसी चुने गए।