आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तेजी से बदलते सियासी समीकरणों के बीच अब यूपी विधान परिषद की 13 सीटों के चुनाव के लिए राजनीतिक दल रणनीति बनाने में जुट गये है। एक तरफ सपा और बसपा जीत के लिए नयी रणनीति बना रही हैं। वहीं सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर उच्च सदन में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिये प्रयास करेगी। हाल में संपन्न हुए यूपी के राज्यसभा चुनाव में भाजपा 10 में से नौ सीटें जीत कर उत्साह में है और अपने सहयोगियों की बदौलत परिषद के चुनाव में भी मजबूत स्थिति में है।
यह भी पढ़ें- योगी, केशव मौर्या, दिनेश शर्मा समेत पांच ने दाखिल किया विधान परिषद के लिए नमांकन
बता दें कि उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने विधान परिषद चुनाव का ऐलान कर दिया है। चुनाव अयोग के अनुसार प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों पर 26 अप्रैल को चुनाव होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त उत्तर प्रदेश एल वेंकटेश्वरूलू के अनुसार विधान परिषद की 13 सीटों के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है। नौ से 16 अप्रैल तक नामांकन होगा। 17 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी, नामांकन वापसी 19 अप्रैल को हो सकेगी तथा 26 अप्रैल को मतदान की तिथि घोषित की गयी है। मतगणना भी 26 अप्रैल को शाम पांच बजे के बाद होगी।
यह भी पढ़ें- विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सपा-कांग्रेस ने किया जोरदार हंगामा
गौरतलब है कि पांच मई 2018 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत 13 विधान परिषद सदस्य रिटायर होंगे। विधान परिषद की 12 सीटें पांच मई को खाली हो रही हैं। जबकि, एक सीट पहले से ही खाली है। इनमें भाजपा से महेंद्र कुमार सिंह और मोहसिन रजा, समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, नरेश उत्तम, राजेंद्र चौधरी, मधु गुप्ता, रामसकल गुर्जर, विजय यादव, उमर अली खान, बहुजन समाज पार्टी से विजय प्रताप, सुनील कुमार चित्तौड़ तथा राष्ट्रीय लोकदल से चौधरी मुश्ताक शामिल हैं। खाली सीट अंबिका चौधरी की है जिन्होंने सपा से बसपा में जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
वहीं राजनीतिक पार्टियों के स्थिति की बात करें तो 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में वर्तमान में भाजपा के 13, सपा के 61, बसपा के नौ व कांग्रेस के दो तथा रालोद के एक प्रत्याशी का कब्जा है।
जानकारों के अनुसार एक प्रत्याशी को जीतने के लिये 29 पहली प्राथमिकता के वोट चाहिए। आंकड़ों के मुताबिक भाजपा और उसके सहयोगी संगठन 13 सीटों में से 11 सीटें आसानी से जीत सकते हैं। इसके बाद भी उसके पास पांच अतिरिक्त वोट बचेंगे।
यह भी पढ़ें- विधान परिषद में सपा-बसपा के गठबंधन पर योगी का हमला, नेताओं को बताया सर्कस का शेर
भाजपा प्रवक्ता आलोक अवस्थी के मुताबिक, उनकी पार्टी परिषद के चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल करेगी। जबकि सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन के अनुसार सपा व बसपा गठबंधन आसानी से दो सीटें जीत जायेगा।
वहीं इस बारे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि बसपा और कांग्रेस के समर्थन से हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन करेगा। इस परिषद के चुनाव में भाजपा के पास पर्याप्त सदस्य संख्या है और सामान्य लोकसभा चुनाव में हमारे पास जनता का अभूतपूर्व समर्थन है