विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सपा-कांग्रेस ने किया जोरदार हंगामा

शीतकालीन सत्र
हंगामा करते सपा के सदस्य।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश विधानमंडल के पहले शीतकालीन सत्र का पहला दिन ही आज हंगामें की बलि चढ़ गया। विधान परिषद व विधान सभा में बिजली बिल में भारी बढ़ोतरी, कानून-व्‍यवस्‍था समेत तमाम मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस के विधानमंडल दल के सदस्‍यों ने भी जोरदार विरोध किया। इस दौरान तख्तियां लेकर नारेबाजी करने के साथ ही सपा सदस्‍यों की ओर से सभापति की ओर कागज के गोले भी फेके गए।

अखिलेश ने कहा योगीराज में जनता त्रस्‍त, सपा करेगी संघर्ष

सपा अध्‍यक्ष एवं विधानमण्डल दल के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी जनता के साथ किये जा रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी। योगीराज में जनता हर तरह से त्रस्त है, उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं उन्‍होंने अपने बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि सत्‍ता के मद में भाजपा नेता लोकतांत्रिक मर्यादाओं का तिरस्कार कर रहे हैं। सपा सदन से लेकर सड़क तक भाजपा सरकार की मनमानी के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करेगी।

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जनविरोधी है यूपीकोका

सपा के मुख्‍य प्रवक्‍ता राजेंद्र चौधरी व विधायकों ने योगी सरकार पर सत्‍ता का दुरूपयोग करने, चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त करने, सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के नाम पर घोटाला करने का भी आरोप लगाया। वहीं सपा ने भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तावित यूपीकोका जैसे कानून को जनविरोधी बताते हुए न सिर्फ विपक्षियों और जनता को प्रताड़ित करने वाला बताया, बल्कि इसे तत्‍काल वापस लेने के लिए भी विरोध और नारेबाजी की। साथ ही पत्रकारों की हत्‍याओं और उन पर हो रहे हमलों को भी सपा ने विधानमंडल में जोरशोर से उठाया।

लाइन लास रोकने में अक्षम है योगी सरकार

वहीं कांग्रेस के विरोध पर प्रदेश प्रवक्‍ता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस किसानों और आम जनता के हितों के लिए संकल्पबद्ध है। बिजली मूल्य वृद्धि पर सरकार द्वारा यह कहना कि यह बढ़ोत्तरी विद्युत नियामक आयोग द्वारा की गयी है पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना है और यह भी दर्शाता है कि योगी सरकार लाइन लास रोकने में अक्षम है।

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उन्‍होंने आरोप लगाया कि सरकार निजी क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए मंहगी बिजली खरीदकर उसका बोझ जनता पर डाल रही है। भाजपा विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे पर एक बार फिर विफल साबित हुई। भाजपा ने चुनाव में वादा किया था कि निजी क्षेत्रों से मंहगी बिजली खरीद की जांच करायी जायेगी, लेकिन अब सरकार स्वयं उनसे हाथ मिला चुकी है।

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