उपद्रव के आरोपितों की फोटो चौराहों पर लगाने पर भड़की कांग्रेस ने कहा, योगी आदित्‍यनाथ पहले खुद भरें जुर्माना

आरोपितों की फोटो

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। सीएए व एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के आरोपितों की फोटो लखनऊ के चौराहों पर लगाने पर कांग्रेस भड़क उठी है। कांग्रेस ने योगी सरकार के इस फैसले को अलोकतांत्रिक और मानविधार के उल्‍लधन वाला बताने के साथ ही कहा है कि सांप्रदायिक हिंसा व आगजनी के आरोपित योगी आदित्‍यनाथ पहले खुद जुर्माना भरें।

शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने सीएए व एनआरसी विरोधी आरोपितों की फोटों चौराहे पर लगाए जाने को गैर कानूनी बताते हुए कहा कि योगी सरकार न सिर्फ लोगों के अभिव्यक्ति की आजादी का मजाक बना रही है, बल्कि अदालत के फैसले को खुलेआम धता बता रही।

वहीं प्रदेश अध्यक्ष ने हिंदू युवा वाहिनी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री सांप्रदायिक संगठन के हेड रहें हैं। संगठन और उनके ऊपर हिंसा भड़काने के कई मुकदमें दर्ज है। लल्‍लू ने आरोप लगाते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ पर गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ सिद्धार्थ नगर में दंगा, आगजनी के मुकदमें दर्ज हैं, जिनमें आम लोगों का करोड़ों का नुकसान हुआ था। अगर क्षतिपूर्ति का यही तरीका उचित है तो सबसे पहले इसकी शुरुआत योगी को खुद जुर्माना भरकर उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

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वहीं फोटो चौराहे पर लगाए जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि कई अदालतों ने अपने फैसले में कहा है कि सीएए व एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में हुई हिंसा और आगजनी में नष्ट हुई संपत्ति का आंकलन पुलिस और प्रशासन नहीं, बल्कि अदालत को करने का हक है। इसलिए फोटो लगाना अदालत की अवमानना है, कोर्ट को मामले का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन लोगों का पोस्टर लखनऊ में चिपकाकर योगी सरकार मानसिक उत्पीड़न कर रही है, उन आंदोलनकारियों के खिलाफ अदालत में कोई मजबूत सुबूत नहीं मिला और जज ने पुलिस को कड़ी फटकार भी लगाई थी।

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