आरयू वेब टीम। गाजीपुर जनपद में 2001 में सरकार विरोधी नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने के मामले में दर्ज हुए मुकदमे की तारीख पर सोमवार को बसपा सांसद अफजाल अंसारी सीजेएम कोर्ट में उपस्थित हुए। जहां अभियोजन की ओर से कोई गवाह नहीं प्रस्तुत किए जाने पर मुकदमे की अगली तारीख 12 दिसंबर तय कर दी गई।
इस दौरान गाजीपुर में मीडिया से बात करते हुए अफजाल अंसारी ने अपने उपर कार्रवाइयों के सवाल पर परिवार में एक दर्जन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जिक्र करते हुए कहा कि जब पाकिस्तान बना और मुसलमानों को वहां जाने का न्योता मिला तब हम लोगों ने हिंदुस्तान चुना। हमारा परिवार राजनीति से पहले हिंदुस्तान से मोहब्बत करता है।
अफजाल अंसारी ने भाजपा और पीएम मोदी पर हमला बोला। वहीं पीएम मोदी की जगह कौन लेगा इस सवाल पर गाजीपुर सांसद ने कहा कि मोदी से काबिल लोग इस देश में हैं। मोदी कक्षा आठ पास है और मेरा ड्राइवर हाईस्कूल। इस दौरान सांसद अफजाल ने प्रदेश में चल रहे उपचुनाव को लेकर कहा कि अगर देश में लोकतंत्र की व्यवस्था व्यवस्थित है तो इस उपचुनाव में भाजपा हारेगी और उसका घमंड चूर होगा। भाजपा पर हमला जारी रखते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि ये लोग, नाकारा लोग हैं और इनके हाथ में देश है तो देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई।
वहीं चुनाव आयोग पर उठ रहे सवालों को लेकर अफजाल अंसारी ने कहा कि चंद दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा है जिन परिस्थितियों में 24 घंटे के अंदर आनन-फानन में निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया जा रहा इसको लेकर आज देश का हर पढ़ा-लिखा इंसान चिंतित है। यह सरकार कार्यपालिका, न्यायपालिका का अस्तित्व खत्म कर देना चाहती है। दोष भी खुद लगाती है, दोषी भी खुद ठहराती है और सजा भी खुद दे देती है।
इस दौरान अफजाल ने कहा कि दिल्ली के एमसीडी का रिजल्ट आएगा तो आप देखिएगा भाजपा हार रही है। हिमाचल का रिजल्ट आठ तारीख को देख लीजिएगा क्या आने जा रहा है। गुजरात में भी जिस तरह का माहौल है उसमें बहुत सारे वोटर केजरीवाल के साथ चले गए हैं।
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बता दें कि अफजाल अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद तहसील पर रैली के दौरान सरकारी काम में बाधा और तोड़फोड़ के मामले में उनके ऊपर एक मुकदमा चल रहा, जिसमें वे आए थे और अगली तारीख 12 दिसंबर पड़ी है। उन्होंने बताया कि गैंगेस्टर का भी एक मुकदमा उनके ऊपर है, जिसका कोई बेस (आधार) नहीं है। इस केस में वे लोग सीबीआइ कोर्ट दिल्ली से पहले ही बरी हो चुके हैं, और उसी को गैंगेस्टर कोर्ट में भी ट्रायल किया जा रहा। उस मुकदमें के खिलाफ वे हाई कोर्ट गए हैं, जिसमें हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है।