आरयू इंटरनेशनल डेस्क।
सीरिया में आम नागरिकों के खिलाफ इस सप्ताह किए गए घातक रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरिया पर क्रूज मिसाइलें दागी हैं। जिन टॉहॉक मिसाइलों से हमला किया गया वह दुनिया की बेहद खतरनाक मिसाइलों में गिनी जाती है।
हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने यह हमला सीरिया के बेहतरी के लिए किया है। अमेरिका की ओर से सीरिया सरकार पर किया गया है यह पहला सीधा हमला है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से उनके द्वारा जारी किया गया यह सबसे नाटकीय सैन्य आदेश है। अमेरिका ने यह सैन्य हमला गुरुवार रात किया।
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यह हमला ट्रंप की सोच में एक बदलाव भी दिखाता है, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अमेरिका को सीरियाई गृह युद्ध में खींचे जाने के खिलाफ चेतावनी दी थी, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रंप रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों की तस्वीरें देखकर हिल गए हैं।
उन्होंने इस रासायनिक हमले को मानवता के लिए शर्मनाक करार देते हुए कहा था कि इसमें बहुत सी सीमाएं लांघ दी हैं।
इस हमले से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने फ्लोरिडा में वेस्ट पाम बीच हवाई अड्डे पर संवाददाताओं के समक्ष राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाने का आह्वान करते हुए कहा था कि अमेरिका सीरिया में हुए रासायनिक हमले के उचित जवाब पर विचार कर रहा है।
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वहीं रूस ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वाशिंगटन सीरिया के खिलाफ सैन्य कदम उठाता है तो इसके ‘नकारात्मक परिणाम’ हो सकते हैं।
भू मध्यसागर में युद्धपोतों से दागी गईं 59 यूएस टॉमाहॉक मिसाइलों ने रासायनिक हमले के जवाब में एक एयरबेस को निशाना बनाया। इस रासायनिक हमले के संदर्भ में अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि सीरिया सरकार के विमान ने एक नर्व एजेंट, संभवत: सेरिन से हमला बोला।
ट्रंप ने अमेरिकी हमलों की घोषणा पहले नहीं की लेकिन वह और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी गुरुवार को पूरे दिन सीरिया सरकार को इस संबंध में चेतावनी देते रहे थे।