आरयू ब्यूरो
वाराणसी। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अंतिम चरण का चुनाव छिटपुट घटनाओं को छोड़कर आज शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। पूर्वांचल के 7 जिलों की 40 सीटों पर हुए मतदान में मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी फर्स्ट क्लास पास हुआ है। यहां मतदाताओं के जोश के चलते शाम पांच बजे तक करीब 61 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि कुल 40 सीटों के औसत की बात करें तो 60.03 प्रतिशत वोटिंग हुई।
सभी चरण को मिलाकर इस बार यूपी में करीब 61 प्रतिशत वोटिंग हुई। यूपी के चुनावी इतिहास में यह पहला मौका है, जब वह फर्स्ट क्लास पास हुई है।
सुबह सात बजे शुरू हुआ मतदान शाम पांच बजे तक चला। हालांकि कुछ जगाहों पर लोगों के लाइन में लगे होने के चलते पांच बजे के बाद भी वोट पड़े। इसके अलावा पूर्वांचल की नक्सल प्रभावित तीन सीटों पर मतदान चार बजे तक ही कराया गया।
वाराणसी समेत गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर, भदोही और सोनभद्र जिले के मतदाताओं ने अपने अधिकार का आज प्रयोग किया।
अपरान्ह तीन बजे तक मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 53.45 मतदान हुआ था। जानें किस सीट पर कितने प्रतिशत हुआ मतदान
कैंट – 48.98%,
सेवापुरी – 55.18%,
शहर उत्तरी – 49.88%
शहर दक्षिणी – 53.74%
शिवपुर – 56.18.%
अजगरा – 57.28.%
रोहनिया – 54.52%
पिंडरा – 52.84%
इससे पहले दोपहर एक बजे तक पीएम के क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों पर करीब 41 प्रतिशत मत पड़ चुके थे। जबकि मिर्जापुर में लगभग 43 प्रतिशत मतदान हुआ था।
वाराणसी में भाजपा के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी ने मतदान किया। वहीं दूसरी ओर भाजपा के मेयर राम गोपाल मोहले की पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से गायब मिला। काशी के मेयर ने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सरकार के निर्देश पर बीएलओ ने लिस्ट से उनकी पत्नी का नाम काट दिया है।
सुबह से ही कई जगाहों से लगातार ईवीएम खराब होने के चलते मतदान प्रभावित होने की सूचनाएं मिल रही थी। इसके अलावा नेताओं की वादा खिलाफी से नाराज लोगों ने सुबह मतदान का बहिष्कार किया। अफसर संबंधित इलाके के वोटरों को मनाने में लगे हुए थे।
सातवें चरण के मतदान में पूर्वान्ह 11 बजे तक 22.84 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे। इस समय तक 26.43 प्रतिशत वोट डालकर मिर्जापुर के मतदाता सबसे आगे चल रहे थे। जबकि 19.17 फीसदी मतदान कर गाजीपुर के वोटर्स सबसे पीछे थे।
इसके अलावा भदोही में 23.52, चंदौली में 21.50, जौनपुर में 22.23, सोनभद्र में 24.03 और पीएम के क्षेत्र वाराणसी में 23.76 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे।
प्रधानमंत्री का संसदीय इलाका होने की वजह से बनारस में देश-विदेश की मीडिया जमा होने के साथ ही मोदी की प्रतिष्ठा भी यहां दांव पर लगी है। अंतिम चरण में आज 1.41 करोड़ मतदाता 535 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
बता दें कि चुनावी चक्रव्यूह के सातवें द्वार पर चुनौतियां सभी दलों के सामने हैं। सपा-कांग्रेस गंठबंधन के सामने वर्ष 2012 के प्रदर्शन को दोहराने का मुश्किल लक्ष्य है तो भाजपा के सामने 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त को बरकरार रखने की चुनौती है। इन दोनों दलों के साथ ही बसपा हाथी की चाल बढ़ाने के लिए ताकत झोंके हुए है।