गुरु पूर्णिमा पर वाराणसी में 70 देशों के राजनयिक, लेंगे गंगा आरती व दीप दिवाली का नजारा

आरयू ब्यूरो,वाराणसी। भारत का विदेश मंत्रालय एक बार फिर 70 से ज्यादा देशों के राजनयिकों को ऐतिहासिक नगरी वाराणसी लेकर पहुंचा है। दरअसल मौका है गुरु पूर्णिमा का। इस मौके पर ये सभी राजदूत और राजनयिक लाखों मिट्टी के दिए जलते देखेंगे और साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर गंगा आरती और देव दिवाली का अद्भुत नजारा लेने पहुंचे।

राजनयिक वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर गंगा आरती और देव दीपावली देखेंगे। सोमवार शाम यूपी सरकार की ओर से काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर भव्य लेजर शो का आयोजन किया गया। इसमें विश्वनाथ धाम, काशी और भगवान शिव की धार्मिक कथा और गाथा के बारे में पर्यटकों को जानकारी दी जाती है।

वहीं मेहमानों के स्वागत में एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। लोक कलाकारों ने विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये मेहमानों का स्वागत किया। बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर नदेसर और कैंटोनमेंट स्थित होटल और नमो घाट के अलावा सभी सार्वजनिक चौक चौराहों को झालरों से सजाया गया है। अलकनंदा क्रूज लाइन के निदेशक विकास मालवीय ने बताया कि मेहमानों को विवेकानंद क्रूज से देव दीपावली और गंगा पार होने वाली आतिशबाजी का नजारा दिखाया जाएगा।इस दौरान 12 लाख दीपों की रोशनी से नहाए घाटों का दृश्य ने मन मोह लिया।

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गौरतलब है कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत सरकार ने वाराणसी में कई बैठकें कीं। जी-20 के समय यहां सांस्कृतिक विभाग से जुड़े मंत्रियों की बैठकों का आयोजन किया गया था। शंघाई सहयोग संगठन से संबंधित कई बैठकें वाराणसी में हुई थीं। भारत की अध्यक्षता के समय ही वाराणसी को एससीओ का पहला संस्कृतिक सेंटर बनाया गया था। इसे बनाने का ऐलान उजबेकिस्तान के प्रमुख शहर समरकंद की एससीओ समिट में ही ले लिया गया था।

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