आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने आज एक बार फिर केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर खिलाफ युवाओं के समर्थन कर मोदी सरकार से सवाल किया है। वरुण गांधी ने कहा कि अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यों दी जा रही है। साथ ही कहा कि, अग्निवीरों को पेंशन मिल सके इसके लिए मैं खुद अपनी पेंशन छोड़ने को तैयार हूं।
पीलीभीत से बीजेपी सांसद ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा, अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यूं? राष्ट्ररक्षकों को पेन्शन का अधिकार नहीं है तो मैं भी खुद की पेन्शन छोड़ने को तैयार हूं। क्या हम विधायक/सांसद अपनी पेन्शन छोड़ यह नहीं सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?
इससे पहले वरुण ने एक ट्वीट कर कहा कि, ‘सैन्य अभ्यर्थियों के इस संघर्ष में मैं हर कदम पर उनके साथ खड़ा हूं। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि धैर्य से काम लें और ‘लोकतांत्रिक मर्यादा’ बनाए रखते हुए अपने ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से सरकार तक पहुंचाये। ‘सुरक्षित भविष्य’ हर युवा का अधिकार है! न्याय होगा।’
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वरुण गांधी ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो ‘पहले प्रहार फिर विचार’ करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं। वहीं, 16 जून को वरुण गांधी ने अपने लेटर पैड पर लिखा एक पत्र जारी कर राजनाथ सिंह से अपील की थी। इस पत्र को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि आदरणीय राजनाथ सिंह, ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करें।