आरयू वेब टीम। विपक्षी दलों ने अपने मोर्चे का नाम ‘INDIA’ यानी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव अलायन्स रखा है। बैठक का आज दूसरा दिन था, जिसमें विपक्षी मोर्चे की टैगलाइन होगी यूनाइटेड वी स्टैंड। इस दौरान कई नेताओं ने कहा कि बेंगलुरु में बैठक का उद्देश्य देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाना है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुग खरगे ने 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले रणनीति पर चर्चा करने के लिए हो रही 26 विपक्षी दलों की बैठक में मंगलवार को कहा कि कांग्रेस की सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है।
खरगे ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि हमारे बीच राज्य स्तर पर कुछ मतभेद हैं, लेकिन यह मतभेद वैचारिक नहीं हैं। यह मतभेद इतने बड़े भी नहीं हैं कि आम आदमी, गरीब, युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए हम इन्हें भुलाकर आगे नहीं बढ़ सकते। हम 26 पार्टियां साथ हैं और 11 राज्यों में हमारी सरकार है। भाजपा अकेले दम पर 303 सीटें नहीं ला सकती। यह अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल कर सत्ता में आती है और बाद में उन्हें छोड़ देती है। आज भाजपा अध्यक्ष और उनके नेता अलग-अलग राज्य घूमकर अपने पुराने साथियों को इकट्ठा करने में जुटे हैं।
विपक्ष की कई पार्टियों के शीर्ष नेताओं की मंगलवार को औपचारिक बैठक हुई। जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के खिलाफ बनने वाले गठबंधन की रूपरेखा और साझा कार्यक्रम समेत कई बिंदुओं पर चर्चा की गयी।
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इससे पहले विपक्षी नेताओं ने दो दिवसीय बैठक के पहले दिन सोमवार को रात्रिभोज के मौके पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की थी। इसके जरिये ये संदेश देने का प्रयास किया गया कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और कुछ अन्य नेता भी मंगलवार को दूसरे दिन की बैठक में शामिल हुए जो पहले दिन की बैठक में शामिल नहीं हो सके थे। बैठक के लिए पहुंचे लालू प्रसाद यादव ने संवाददाताओं से कहा कि अब केंद्र सरकार की विदाई करनी है।
ये दिग्गज नेता रहें मौजूद
दूसरे दिन की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के मुखिया एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव समेत देश के कई अन्य बड़े नेता इस बैठक में शामिल हैं।